UP News: यूपी एसटीएफ प्रमुख अमिताभ यश को एडीजी कानून-व्यवस्था का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। सरकार ने शुक्रवार को इससे संबंधित आदेश जारी किया। प्रशांत कुमार के महानिदेशक बनने के बाद यह पद रिक्त हो गया था। यूपी पुलिस में अच्छी छवि रखने वाले अमिताभ यश ने ददुआ-ठोकिया एनकाउंटर में अहम भूमिका निभाई थी। हाल के दिनों में विकास दुबे से लेकर अतीक अहमद तक के साम्राज को ढहाने में अहम भूमिका निभाई थी।
तेज तर्रार आईपीएस अधिकारियों में नाम
एसटीएफ के लिए काम करते हुए अमिताभ यश ने यूपी में माफिया राज खत्म करने के लिए कई अपराधियों को जेल भेजा। अमिताभ यश का 150 से अधिक अपराधियों के साथ मुठभेड़ का इतिहास है। 1996 बैच के आईपीएस अधिकारी अमिताभ बिहार के भोजपुर जिले में रहते हैं। अमिताभ के पिता राम यश सिंह भी आईपीएस अधिकारी थे।
अमिताभ यश ने दिल्ली के सेंट स्टीफन कॉलेज से पढ़ाई की। अमिताभ का जन्म 11 अप्रैल 1971 को हुआ था और उन्होंने अपनी मास्टर डिग्री कानपुर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से पूरी की। वह पहले ही प्रयास में आईपीएस बन गये। वह सबसे पहले संत कबीरनगर के कप्तान बने। इसके अलावा उन्होंने कानपुर, हरदोई, नोएडा, बाराबंकी, महराजगंज, सहारनपुर और सीतापुर समेत कई जिलों की कप्तानी की।
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2007 में मिली एसटीएफ की कमान
आईपीएस अमिताभ यश के नाम कई उपलब्धियां हैं। उन्हें ठोकिया और ददुआ जैसे यूपी के कुख्यात दस्यु गिरोहों को खत्म करने के लिए जाना जाता है। अमिताभ को 2007 में मायावती सरकार में एसएसपी के रूप में एसटीएफ में शामिल किया गया था। इस समय बुन्देलखण्ड क्षेत्र में ददुआ का बड़ा आतंक था। एसटीएफ में शामिल होने के बाद अमिताभ यश ने ददुआ के खिलाफ अभियान शुरू किया और उसके साम्राज्य को खत्म करने के बाद, उन्होंने ठोकिया गिरोह के खिलाफ अभियान शुरू किया। पुलिस से हुई मुठभेड़ में वह भी मारा गया।
(रिपोर्ट-पवन सिंह चौहान, लखनऊ)
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