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महाराष्ट्र ने देश को दी बलिदान, भक्ति व सामाजिक परिवर्तन की परंपराः अमित शाह

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मुंबई: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने रविवार को रायगढ़ जिले में कहा कि भीड़ के पीछे भागो, कुछ ऐसा करो जिससे भीड़ तुम्हारे कदमों पर चले। अमित शाह ने कहा कि अप्पासाहेब धर्माधिकारी ने समाजसेवा में ऐसा ही कुछ किया, जिससे आज उनके सम्मान समारोह में इतनी ज्यादा तादाद में भीड़ इकठ्ठा हुई है।

रायगढ़ जिले में आयोजित समाजसेवक अप्पासाहेब धर्माधिकारी को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के हाथों महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार दिया गया। मौके पर सूबे के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस उपस्थित थे। अमित शाह ने कहा कि बिना किसी प्रचार की अपेक्षा के सामाजिक कार्य करने वाले समाजसेवी के सम्मान में इतनी बड़ी भीड़ पहली बार आई है। अमित शाह ने कहा कि एक ही परिवार में वीरों की कई पीढ़ियां जन्म लेती हैं, लेकिन उन्होंने पहली बार देखा कि समाज सेवा की संस्कृति तीन पीढ़ियों तक लगातार चल रही हैं।

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अमित शाह ने कहा कि महाराष्ट्र ने देश को तीन परंपराएं दी हैं। यह महान छत्रपति शिवाजी महाराज की पावन भूमि है। राष्ट्र के लिए बलिदान की परंपरा छत्रपति शिवाजी महाराज से शुरू हुई। वीर सावरकर, वासुदेव बलवंत फडक़े, चाफेकर बंधु और लोकमान्य तिलक जैसे लोगों ने महाराष्ट्र की धरती से देश के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। समर्थ रामदास से लेकर तुकाराम महाराज से लेकर नामदेव महाराज तक भक्ति की एक और परंपरा ने हमेशा देश को आगे बढ़ाने का काम किया है।

तीसरी परंपरा सामाजिक परिवर्तन की है, चाहे वह महात्मा फुले हों, सावित्रीबाई फुले हों, डॉक्टर बाबासाहेब अंबेडकर हों या महाराष्ट्र से शुरू हुआ सामाजिक आंदोलन। अप्पासाहेब ने समाज सेवा की परंपरा को आगे बढ़ाने का काम किया है। अप्पासाहेब धर्माधिकारी ने इस पुरस्कार के लिए राज्य सरकार का आभार व्यक्त किया। उन्होंने इस पुरस्कार से मिलने वाली 25 लाख रुपये की राशि मुख्यमंत्री सहायता निधि में दान दिए जाने की घोषणा की है।

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