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बढ़ती महंगाई के बीच दालों के दाम आई गिरावट, देखें रिपोर्ट

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नई दिल्ली: पिछले तीन महीनों में अरहर और उड़द दाल की खुदरा कीमतों में गिरावट आई है, जबकि बाजार में कीमतें स्थिर बनी हुई हैं। यह जानकारी उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने दी है।

सरकार ने बफर स्टॉक से सस्ती कीमतों पर बेची दाल

मंत्रालय ने बुधवार को जारी बयान में कहा कि उपभोक्ता मामले विभाग भारतीय खुदरा विक्रेता संघ (आरएआई) और संगठित खुदरा शृंखलाओं के साथ नियमित बैठकें कर दालों के बाजार और खुदरा मूल्यों के रुझान पर चर्चा करता है, ताकि खुदरा विक्रेता खुदरा मार्जिन को उचित स्तर पर बनाए रख सकें। मंत्रालय ने कहा कि खुदरा बाजार में सीधे हस्तक्षेप करने के लिए सरकार ने बफर स्टॉक से दालों का एक हिस्सा भारत दाल ब्रांड के तहत उपभोक्ताओं को सस्ती कीमतों पर खुदरा बिक्री के लिए उपलब्ध कराया है। भारत ब्रांड के तहत खुदरा उपभोक्ताओं को आटा और चावल रियायती कीमतों पर वितरित किया जाता है।

आयात पर नहीं लगाया कोई शुल्क

इसी तरह, प्रमुख उपभोग केंद्रों में निश्चित खुदरा दुकानों और मोबाइल वैन के माध्यम से खुदरा उपभोक्ताओं के बीच प्याज 35 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से वितरित किया जाता है। इन उपायों से दाल, चावल, आटा और प्याज जैसी आवश्यक खाद्य वस्तुओं को उपभोक्ताओं को सस्ती कीमतों पर उपलब्ध कराने और कीमतों को स्थिर करने में मदद मिली है। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने कहा कि दालों की घरेलू उपलब्धता बढ़ाने के लिए इनका निर्यात और निर्बाध आयात सुनिश्चित करने के लिए तुअर और उड़द दाल के आयात को 31 मार्च 2025 तक ‘मुक्त श्रेणी’ में रखा गया है, जबकि दालों के आयात पर 31 मार्च 2025 तक कोई शुल्क नहीं लगाया गया है।

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इसके अलावा सरकार ने घरेलू बाजार में दालों की आपूर्ति बढ़ाने के लिए देसी चने के भी 31 मार्च 2025 तक शुल्क मुक्त आयात की अनुमति दी है। इससे दालों की उपलब्धता बनी हुई है और कीमतों में असामान्य वृद्धि पर अंकुश लगा है।

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