नई दिल्लीः अमेरिका ने Israel को एक उन्नत मिसाइल रक्षा प्रणाली भेजने का फैसला किया है। साथ ही इसे संचालित करने के लिए करीब 100 अमेरिकी सैनिक भेजे जाएंगे। 7 अक्टूबर 2023 को हमास के हमलों के बाद इजराइल में अमेरिकी सेना की यह पहली तैनाती होगी। यह जानकारी पेंटागन ने दी।
जवाबी कार्रवाई की तैयारी में Israel
द न्यू यॉर्क टाइम्स के अनुसार, यह कदम बैलिस्टिक मिसाइलों से बचाव के लिए डिजाइन किए गए ग्राउंड-बेस्ड इंटरसेप्टर सिस्टम का संचालन करने वाले अमेरिकी सैनिकों को मध्य पूर्व में व्यापक युद्ध के करीब लाएगा। पेंटागन ने यह कदम ईरान द्वारा 1 अक्टूबर को इजराइल पर बैलिस्टिक मिसाइलों सहित करीब 200 मिसाइलें दागे जाने के बाद उठाया है। इजराइल फिलहाल ईरान के खिलाफ जवाबी कार्रवाई की योजना बना रहा है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि रविवार को इस बारे में पूछे जाने पर राष्ट्रपति जो बाइडेन ने सिर्फ इतना कहा कि उन्होंने पेंटागन को इजराइल के लिए रक्षा प्रणाली तैनात करने का आदेश दिया है। इस बीच, हिजबुल्लाह ने उत्तरी इजराइल में एक सैन्य अड्डे पर ड्रोन हमले की जिम्मेदारी ली है। इस हमले में दर्जनों लोग घायल हुए हैं।
हमास और हिजबुल्लाह का ईरान ने किया खुला समर्थन
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, मंत्री ने अमेरिका पर इजराइल को ‘अभूतपूर्व स्तर की सैन्य सहायता’ प्रदान करने का आरोप लगाया। उन्होंने डेटा भी साझा किया जिसके अनुसार 2024 में इजराइल को अमेरिकी सैन्य सहायता 17.9 बिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगी, जो एक रिकॉर्ड होगा।
आपको बता दें कि 1 अक्टूबर की रात को ईरान द्वारा एक बड़ा मिसाइल हमला किया गया था। इजराइल के चैनल 13 टीवी समाचार के अनुसार, ईरान द्वारा कम से कम 200 जमीन से जमीन पर मिसाइलें दागी गईं, जिससे पूरे देश में सायरन बजने लगे और लाखों लोग आश्रयों की ओर भागे।
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ईरान का कहना है कि हमास के राजनीतिक नेता इस्माइल हनिया, हिजबुल्लाह प्रमुख हसन नसरल्लाह और ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कॉर्प्स कमांडर ब्रिगेडियर जनरल अब्बास निलफोरुशन की हत्याओं के जवाब में बमबारी की गई थी। ईरान खुले तौर पर हमास और हिजबुल्लाह का समर्थन करता रहा है। ईरानी हमले के कुछ घंटों बाद, इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने सुरक्षा कैबिनेट की बैठक के दौरान कहा, “ईरान ने आज रात एक बड़ी गलती की है, और उसे इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी।”
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