उत्तर कोरिया की मदद की मिली सजा, अमेरिका ने एक भारतीय समेत दो लोगों पर लगायी पाबंदी

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वाशिंगटनः उत्तर कोरिया की एक सरकारी संस्था को सामग्री व तकनीकी मदद प्रदान करने पर अमेरिका ने एक भारतीय नागरिक सहित दो लोगों और सात संस्थाओं पर पाबंदी लगा दी है। अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस पर दुनिया भर में भ्रष्टाचार और मानवाधिकारों के हनन के लिए जवाबदेही को बढ़ावा देने के तहत यह कार्रवाई की गयी है।

अमेरिकी विदेश मंत्रालय की ओर से दी जा गयी जानकारी के अनुसार उत्तर कोरिया सरकार द्वारा संचालित एनिमेशन स्टूडियो, एसईके स्टूडियो को सहायता प्रदान करने के साथ उसकी ओर से काम करने या स्वामित्व में हिस्सेदारी के चलते पाबंदियां लगाई गयी हैं। इनमें दो लोग भारत के दीपक सुभाष जाधव और फ्रांस में रहने वाले किम म्योंग चोल शामिल हैं। जाधव एक भारतीय कंपनी फनसागा पीटीई लिमिटेड के निदेशक हैं। उन्होंने क्वांझोउ यियांग्जिन इम्पोर्ट एंड एक्सपोर्ट कंपनी और यानचेंग थ्री लाइन वन पॉइंट एनिमेशन कंपनी को भुगतान प्रदान करते हुए एक एनीमेशन प्रोजेक्ट के लिए एसईके के साथ अनुबंध किया है।

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जाधव के साथ ही फ्रांसीसी नागरिक किम म्योंग चोल भी प्रतिबंध की सूची में शामिल हैं। जाधव व चोल को एसईके को तकनीकी सहयोग देने, विविध प्रकार से सहायता, वित्तीय सहायता या तकनीकी सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबंधित किया गया है। इसके अलावा अमेरिका ने सात संस्थाओं पर भी पाबंदी की गाज गिराई है। इसके अंतर्गत हांगकांग स्थित एवरलास्टिंग एम्पायर लिमिटेड, तियान फांग (हांगकांग) होल्डिंग लिमिटेड, चीन की फुजियान नानन इंपोर्ट एंड एक्सपोर्ट कंपनी, रूस की सीमित देयता कंपनी किनोआटिस, सिंगापुर स्थित फनसागा पीटीई लिमिटेड, चीन स्थित यानचेंग थ्री लाइन वन पॉइंट एनिमेशन कंपनी लिमिटेड और क्वांझोउ यियांग्जिन इंपोर्ट एंड एक्सपोर्ट लिमिटेड पर प्रतिबंध लगाया है।

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