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जी-7 में भी उठा कोरोना की उत्‍पत्ति का मुद्दा, डब्ल्यूएचओ ने भी चीन पर कसा शिकंजा

All you need to know about the new Coronavirus strain. (photo:ianslife)

वाशिंगटन: जी-7 में भी कोरोना उत्पत्ति को लेकर मामला उठा है। अब अमेरिका के बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने भी चीन से कोरोना की उत्पत्ति की जांच में सहयोग करने पर जोर दिया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के प्रमुख टेड्रोस अधनोम घेब्रेयसस ने चीन से कोरोना की उत्पत्ति को लेकर चल रही जांच में सहयोग करने के लिए सख्ती दिखाई है। जी-7 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के बाद घेब्रेयसस ने कहा कि चीन को इस मामले में सहयोग करना चाहिए। जांच में हमें चीनी पक्ष से सहयोग की आवश्यकता होगी।

इस सप्ताह की शुरुआत में अमेरिका और ब्रिटेन ने कोरोना के स्रोत को लेकर डब्ल्यूएचओ द्वारा किए जा रहे अध्ययन के अगले चरण के लिए समय पर, पारदर्शी और साक्ष्य-आधारित स्वतंत्र प्रक्रिया को समर्थन दिया था। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने महामारी की उत्पत्ति की अमेरिकी खुफिया जांच का भी आदेश दिया है। दुनिया भर में तबाही मचाने वाले कोरोना वायरस की उत्पत्ति अभी तक एक रहस्य बनी हुई है।

उधर, विश्वभर में जांच की बढ़ती मांग के बीच चीन के शोधकर्ताओं ने चमगादड़ों से ही इस वायरस की उत्पत्ति साबित करने की पुरजोर कोशिश की है। अमेरिका के पूर्व राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप की तर्ज पर अब बाइडेन प्रशासन ने भी कोरोना वायरस की उत्‍पत्ति पर चीन पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है। अमेरिकी विदेश टोनी ब्लिंकन ने कोरोना वायरस की उत्पत्ति को लेकर और अधिक गहन जांच की भी अपील की है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और चीन द्वारा वायरस को लेकर की गई संयुक्त जांच सामने आने के बाद ब्लिंकन ने यह टिप्पणी की थी। उन्‍होंने कहा कि ऐसा नहीं करके वायरस बीजिंग के हाथ से निकल गया और उसका खामियाजा पूरी दुनिया झेल रही है।