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मानवाधिकार के मुद्दे पर अमेरिका की दो टूक, कहा-भारत को ज्ञान नहीं दे सकते, लेकिन..

Coordinator-Kurt-Campbell वाशिंगटनः भारत-अमेरिकी रिश्तों में मजबूती के बीच अमेरिका ने मान लिया है कि वह मानवाधिकार के मुद्दे पर भारत को ज्ञान नहीं दे सकता। अमेरिका ने साफ तौर पर कहा है कि हर देश में चुनौतियां और समस्याएं होती हैं और इनमें सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि अमेरिका भी शामिल है। अमेरिका और भारत के रिश्तों की मजबूती अब दिखने लगी है। दोनों देशों के सहयोग के बीच भारत में मानवाधिकार के मुद्दे पर भी सवाल उठ रहे हैं। अब इस पर अमेरिका की ओर से सीधा जवाब आया है। अमेरिका ने साफ कर दिया है कि मानवाधिकार के मुद्दे पर उठ रहे सवालों से अमेरिका चिंतित नहीं है और इस मुद्दे से दोनों देशों के रिश्तों पर कोई असर नहीं पड़ेगा। अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद में हिंद-प्रशांत महासागर क्षेत्र मामलों के समन्वयक कर्ट कैंपबेल ने कहा कि भारत और अमेरिका समेत सभी देशों की अपनी-अपनी चुनौतियां और समस्याएं हैं। सभी देश आदर्श नहीं होते, सभी में कुछ न कुछ कमियाँ होती हैं। ऐसे में अमेरिका किसी दूसरे देश को ज्ञान देने की स्थिति में नहीं है। ये भी पढ़ें..गहलोत-पायलट की राजनीतिक जंग का होगा अंत ! खड़गे की ‘अदालत’... रूस-यूक्रेन युद्ध पर भारत के रुख और अमेरिका के साथ उसके रिश्ते के सवाल पर कर्ट कैंपबेल ने कहा कि भारत ने रूस-यूक्रेन युद्ध पर सैद्धांतिक रुख अपनाया है। भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूक्रेन के लोगों की त्रासदी और वहां हो रही घटनाओं पर साफ तौर पर अपनी बात रखी है। यूक्रेन युद्ध को लेकर भारतीय चिंतित हैं और भारत का ये भी मानना है कि रूस का रवैया कई जगहों पर निंदनीय रहा है। चीन के मुद्दे पर कैंपबेल ने कहा कि चीन का मुद्दा भारत-अमेरिका संबंधों में महत्वपूर्ण है, लेकिन यह एकमात्र मुद्दा नहीं है जो दोनों देशों के संबंधों को हमारे लक्ष्य तक ले जाना चाहिए। कई अन्य चीजें भी हैं जो हमें आगे ले जाएंगी और ये चीजें भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हालिया अमेरिकी यात्रा के दौरान भी सामने आईं। (अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)