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Amarnath Yatra 2024: अमरनाथ यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन कैसे और कब करे, जानें कितनी है फीस

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Amarnath Yatra 2024: अमरनाथ जानें वाले श्रद्धालुओं के लिए बड़ी खुशखबरी है जी हां, दरअसल अब यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं को रजिस्ट्रेशन के लिए इंतजार नही करना पड़ेगा। अगर आप भी अमरनाथ यात्रा करने की प्लानिंग कर रहें है तो ये आर्टिकल आपको यात्रा से जुड़ी कई जानकारी दे सकता है। बता दें, सोमवार से यात्रा के लिए अग्रिम पंजीकरण प्रक्रिया शुरू हो रही है। जिसमें देशभर में चार बैंकों की 540 शाखाओं में और श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड की वेबसाइ पर भी श्रद्धालु पंजीकरण करा सकेंगे। वहीं 13 साल से कम उम्र वाले और 70 साल से ज्यादा उम्र वाले किसी भी श्रद्धालु का रजिस्ट्रेशन नही किया जाएगा। बता दें, यात्रा में अगर कोई महिला 6 महिने से ज्यादा की गर्भवती है तो उसका पंजीकरण नही किया जाएगा। 

Amarnath Yatra Registration Date

 अमरनाथ यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं का इंतजार अब खत्म हो गया है। दरअसल श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड ने यात्रा को लेकर तारीखों का ऐलान कर दिया है। 29 जून से 19 अगस्त 2024 तक श्रद्धालु यात्रा करेंगे बता दें, ये पावन यात्रा 40 दिन तक की होगी। यात्रा पर जाने से पहले पंजीकरण कराना जरुरी है जो 15 अप्रैल से 2024 से शुरु होगा। इस यात्रा को लेकर सरकार द्वारा सुरक्षा व्यवस्था के कड़े इंतजाम किए जा रहे है।

Amarnath Yatra Registration Process 2024

1-ऑनलाइन पंजीकरण करने के लिए श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट https://jksasb.nic.in/ पर जाएं। 

 2-अब होमपेज पर 'रजिस्टर' पर क्लिक करें। 

 3-आगे बढ़ने से पहले दी गई जानकारी और निर्देशों को ध्यान से पढ़ें।

 4-अपनी सभी जानकारी जैसे नाम, फोन नंबर, ईमेल आदि को भरें। 

 5-अब अपना वैध फोटो, आईडी प्रूफ और मेडिकल सर्टिफिकेट अपलोड करें।

 6-अब रजिस्ट्रेशन फॉर्म सबमिट करें, कन्फर्मेशन पेज डाउनलोड करें और उसका प्रिंट आउट ले लें।

 7-इस प्रिंटआउट को सेव करें और भविष्य के संदर्भ के लिए अपने फोन में डाउनलोड करके रखें।

Amarnath Yatra Registration Fees

अमरनाथ की पावन यात्रा का रजिस्ट्रेशन करने के लिए श्रद्धालु को आवेदन करने वाली एक फोटो के साथ 150 रुपये प्रति यात्री, इसके साथ ग्रुप लीडर का नाम, मोबाइल नंबर, ईमेल और स्थाई पता की आवश्यकता पड़ती है।

अमरनाथ यात्रा पर जाने के लिए आयु सीमा क्या है 

 अगर आप यात्रा की योजना बना रहे है तो रजिस्ट्रेशन कराने से पहले श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाकर यात्रा से जुड़े सभी नियमों को अच्छी तरह से पढ़ लेना चाहिए। बता दें, वेबसाइट पर साफ बताया गया है कि, 13 साल से कम या 70 साल से ज्यादा आयु का कोई भी व्यक्ति यात्रा में शामिल नहीं हो सकता है। इसके अलावा गर्भवती महिलाओं का भी रजिस्ट्रेशन नही किया जाता है।

यात्रा के लिए जरुरी दस्तावेज 

 अगर आप अमरनाथ यात्रा पर जाने की सोंच रहे है तो आपको अपना मेडिकल सर्टिफिकेट बनवाना जरुरी है। इसके बिना सरकार द्वारा आपको यात्रा पर जाने की अनुमति नही दी जाएगी। साथ ही आपको एक आईडी, आधार कार्ड और फोटो की जरुरत होती है। बता दें, अमरनाथ यात्रा पहाड़ो पर कठिनाईयों से भरी होती है और यात्रा के दौरान बहुत ही कठिन चढ़ाई होती है, ऐसे में व्यक्ति के बिमार होने के चांसेस ज्यादा होते है। अगर आपको पहले से किसी भी तरह की बिमारी है तो ये आपके लिए काफी खतरनाक हो सकता है इसलिए बिना मेडिकल सर्टिफिकेट के यात्रा पर जाने की अनुमति नही दी जाती है।

अमरनाथ यात्रा जाने से पहले रखें इन बातों का ध्यान 

 1-यात्रा से पहले जरुर कराएं अपना मेडिकल चेकअप

 2- यात्रा के दौरान ज्यादा सामान ले जाने से बचे। इससे पैदल चलने में आसानी होगी। 

 3- यात्रा के दौरान ज्यादा खाने ले बचना चाहिए, आप उतना ही खाएं जिसे आप आसानी से हजम कर पाएं 

 4- बर्फीले पहाड़ों और बड़े-बड़े चट्टानों के बीच चढ़ाई करना काफी कठिन होता है ऐसे में आपको आरामदायक जूते ही पहनना चाहिए। 

 5- कम उम्र के बच्चों को अपने साथ यात्रा पर न ले जाएं। 

 6- यात्रा के समय अपने साथ टॉर्च, वॉटरप्रूफ ट्रेकिंग शूज, और रेनकोट ले जाना ना भूलें। 

 7- अमरनाथ यात्रा के दौरान मौसम बहुत ठंडा रहता है, इसलिए अपने साथ गर्म कपड़े जरूर लेकर जाएं। 

 8- अपने साथ खाने के सामान में सूखे मेवे, टोस्ट, बिस्किट और पानी की बोतल जरूर रख लें। 

 9- पंजीकृत लेबर, खच्चर और पालकी वालों की सेवाएं ही लें।

 10- यात्रा से पहले आपको पानी से भरपूर चीजें जैसे, खीरा, ककड़ी, तरबूज, जूस आदि का सेवन करना चाहिए।

अमरनाथ गुफा की पौराणिक कथा

 बाबा अमरनाथ की गुफा का पौराणिक महत्व काफी ज्यादा है। कहा जाता है कि, इस गुफा में शिव जी ने देवी पार्वती को अमरता का रहस्य बताया था। पुराने समय में देवी पार्वती शिव जी से अमरता का रहस्य जानना चाहती थीं। भगवान शिव देवी पार्वती को अमरता रहस्य बताने ले जा रहे थे। उस समय भगवान ने रास्ते में अनंत नागों को अनंतनाग में छोड़ दिया था। माथे के चंदन को चंदनबाड़ी में उतार दिया। अन्य पिस्सुओं को पिस्सूटॉप वाले क्षेत्र में छोड़ा और गले के शेषनाग को शेषनाग नाम की जगह पर छोड़ दिया था। ये सभी जगहें आज भी अमरनाथ यात्रा के दौरान दिखाई देती हैं। बताया जाता है कि, ये रहस्य देवी पार्वती के अलावा एक शुक यानी कबूतर ने भी सुन लिया था। बाद में यही शुक (कबूतर) शुकदेव ऋषि के रूप में प्रसिद्ध हुए थे। खास बात ये है कि, यहां की शिवलिंग की ऊंचाई घटती-बढ़ती रहती है। इस गुफा में प्राकृतिक रुप से शिवलिंग बनता है। साथ ही शिवलिंग के साथ गुफा में गणेश जी, माता पार्वती जी और भैरव बाबा के हिमखंड भी बनते है।

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कैसे पहुंचे अमरनाथ 

अमरनाथ यात्रा के लिए सबसे पहले श्रीनगर पहुंचना होता है। श्रीनगर के लिए देशभर से आवागमन के कई साधन आसानी से मिल जाते हैं। पहले श्रीनगर से पहलगाम या बालटाल पहुंचना होता है इसके बाद बालटाल से अमरनाथ करीब 14 किमी दूर है। जबकि पहलगाम से इस गुफा की दूरी करीब 36 किमी है। बता दें, Amarnath Yatra में सड़कों के निर्माण के साथ ही यात्रा मार्ग में भी बदलाव हुआ है।अमरनाथ यात्रा में सड़कों के निर्माण के साथ ही यात्रा मार्ग में भी बदलाव हुआ है। अब अमरनाथ की यात्रा के लिए दो रास्ते हैं। एक रास्ता पहलगाम से शुरू होता है, जो करीब 46-48 किलोमीटर लंबा है। इससे यात्रा करने में 5 दिन का समय लगता है। लेकिन दूसरा रास्ता बालटाल से शुरू होता है, वहां से गुफा की दूरी 14-16 किमी है लेकिन खड़ी चढ़ाई की वजह से यह मार्ग सबके लिए इस रस्ते से जाना आसान नहीं है।

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