जम्मूः कश्मीर के हिमालयी क्षेत्र में स्थित बाबा अमरनाथ (Amarnath Yatra ) की यात्रा खराब मौसम की वजह से तीन दिन स्थगित होने के बाद रविवार दोपहर को फिर से शुरू हो गई। अधिकारियों ने बताया कि पहलगाम की ओर शेषनाग और बालटाल की ओर पंजतरणी में फंसे तीर्थयात्रियों को मौसम में सुधार के तुरंत बाद गुफा मंदिर की ओर जाने की अनुमति दी गई। वहीं, गुफा मंदिर और शिविरों के बीच फंसे श्रद्धालु को जाने की अनुमति दे दी गई है।
तीर्थयात्रियों में गजब का उत्साह
बता दें कि जम्मू-कश्मीर में भारी बारिश के कारण रामबन के आगे सड़क पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है। बावजूद इसके तीर्थयात्रियों का उत्साह किसी भी स्थिति में कमजोर नहीं पड़ रहा। रामबन में भूस्खलन और सड़क धंस जाने से तीर्थयात्रियों को जम्मू के आधार शिविर में ही रोका जा रहा है। जो तीर्थयात्री सीधे अपने वाहनों से आ रहे हैं उन्हें उधमपुर से आगे नहीं जाने दिया जा रहा है। भगवान शिव के भक्त किसी भी तरह आगे बढ़ना चाहते हैं। वह मान मनौव्वल और चिरौरी कर रहे हैं।
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तीर्थयात्रियों के मन में बस यही एक संकल्प है कि एक बार बाबा बर्फानी ने बुला लिया है तो हम उनके दर्शन करने का हर संभव जतन करें। प्रशासन की मुश्किल यह है कि भारी बारिश के कारण कई जगहों पर भूस्खलन हुआ है। सड़क पर बार-बार पत्थर गिर रहे हैं। लोगों की सुरक्षा अधिकारियों के लिए एक बड़ी चिंता है। दूसरी चिंता यह है कि जो दल अमरनाथ यात्रा मार्ग पर निकला हुआ है, उनकी किसी तरह सुरक्षित वापसी हो जाए। बीच मझधार में उनके लिए आवश्यक संसाधन जुटाना भी प्रशासन के लिए भगीरथी चुनौती है।
भूस्खलन से चिनाब नदी में समा गए चार लोग
इन सबके चलते पुलिस प्रशासन लगातार लोगों को समझा रहा है। वह बार-बार निवेदन कर रहा है कि आप जहां हैं, जैसे हैं, वैसे ही रहें। सुरक्षित रहें। आगे बढ़ने का प्रयास न करें क्योंकि इस बात की कोई निश्चितता नहीं है कि यात्रा कितने दिनों में पूरी तरह से बहाल हो जाएगी। इसमें एक दिन या दो दिन भी लग सकते हैं। लेकिन तीर्थयात्रियों के मन में बेचैनी इस बात को लेकर है कि जल्द से जल्द हालात सामान्य हो जाएं और वे अपने भोले बाबा के दर्शन कर सकें।
इस बीच ऊपरी इलाकों में तीन दिनों से लगातार बारिश हो रही है। इससे चिनाब नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। जिस दिन पहली बार अमरनाथ यात्रा रोकी गई, उसी दिन चार लोग भूस्खलन की चपेट में आ गए और चिनाब नदी में डूब गए. उनका अब तक कोई पता नहीं चल सका है।
62 दिन चलेगी अमरनाथ यात्रा
छह हजार तीर्थयात्रियों का दल शनिवार से रामबन में रुका हुआ है। वह भोलेनाथ से लगातार प्रार्थना कर रहे हैं कि यात्रा फिर प्रारंभ कराएं। आधार शिविरों में भगवान शंकर के भक्त अपनी बारी आने का इंतजार कर रहे हैं। प्रशासन बार-बार अपील जारी कर रहा है कि यात्रा जब तक स्थगित है तब तक आप आगामी कोई योजना न बनाएं।
अब तक 87,000 से ज्यादा श्रद्धालु बाबा बर्फानी के दर्शन कर चुके हैं। यात्रा 1 जुलाई को शुरू हुई और 62 दिन बाद 31 अगस्त को श्रावण पूर्णिमा उत्सव के साथ यात्रा का समापन हो जाएगा। समुद्र से 3,888 मीटर ऊपर स्थित बाबा बर्फानी की गुफा में शनिवार सुबह बर्फबारी देखने को मिली। 62 दिवसीय यह यात्रा 31 अगस्त को संपन्न होनी है।
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