जयपुरः अमरनाथ (Amarnath) गुफा के पास बादल फटने के बाद से भारतीय जवानों की टीमों ने मोर्चा संभाला हुआ है। लोगों को रेस्क्यू किया जा रहा है। इस बीच, पीड़ित लोगों को बाढ़ के पानी से निकालने के दौरान राजस्थान के बीकानेर के एक सेवानिवृत्त पुलिसकर्मी पानी के तेज बहाव में बह गए। जानकारी के मुताबिक, मृतक की पहचान श्रीगंगानगर ट्रैफिक थाने के पूर्व प्रभारी सुशील खत्री के रूप में हुई है। अब तक 16 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 40 से अधिक लोग घायल हो गए हैं।
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बता दें कि सेवानिवृत पूर्व थाना प्रभारी सुशील खत्री उन 17 तीर्थयात्रियों के जत्थे में शामिल थे, जो 3 जुलाई को श्री गंगानगर से रवाना हुए थे और आपदा के नौ दिन पहले ही सेवा से रिटायर हुए थे। रिटायरमेंट के बाद उन्होंने अपनी पत्नी और बेटे के साथ हॉलिडे प्लान किया था। बादल फटने के कारण आई बाढ़ के वक्त वह अमरनाथ गुफा के पास एक तंबू में थे, जिसमें कई अन्य तीर्थयात्री भी मौजूद थे। जैसे ही बाढ़ का पानी आया, तंबू बह गया। खत्री ने बादल फटने के कारण आई बाढ़ में बहने से कई लोगों को बचाया। इस दौरान वह खुद तेज बहाव का शिकार बन गए।
गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर में अमरनाथ गुफा के पास शुक्रवार शाम बादल फटने से बड़ा हादसा हो गया था, जिसके बाद सेना का रेस्क्यू जारी है। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के एक अधिकारी ने बताया कि एनडीआरएफ की चार टीमें, भारतीय सेना, एसडीआरएफ, सीआरपीएफ और अन्य के सहयोग से बचाव कार्य जारी है। इस बीच भारतीय वायुसेना ने कहा है कि अमरनाथ गुफा स्थल में बचाव कार्यों के लिए श्रीनगर से 2-2 एएलएच ध्रुव और एमआई-17 वी5 हेलीकॉप्टर तैनात किए गए हैं।
एक एएन-32 और 76 परिवहन विमानों को जरूरत पड़ने पर चंडीगढ़ में स्टैंडबाय पर रखा गया है। राहत और बचाव कार्य में सेना के साथ जुटे सीमा सुरक्षा बल के प्रवक्ता ने कहा है कि एमआई-17 हेलिकॉप्टर से नौ शवों को नीलगढ़ से श्रीनगर पहुंचाया गया है। वहीं इस घटना पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने श्रद्धालुओं की मौत पर दुख जताया है।
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