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CM Yogi ने कहा- अपराध और दंड नहीं बल्कि न्याय है तीन नये कानूनों का भाव

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लखनऊः मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से एक से 24 जुलाई तक देश में तीन नए कानून लागू किए गए। ये तीन कानून भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 हैं। इन सभी का अर्थ दंड संहिता और दंड संहिता नहीं बल्कि न्याय संहिता है। यह नागरिक सुरक्षा संहिता है। इसके तहत पहले साक्ष्य संकलित किए जाएंगे, उसके बाद अपराधी को कटघरे में खड़ा किया जाएगा।

26 नवंबर भारत के लिए महत्वपूर्ण तारीखः CM Yogi

सुशासन की पहली शर्त कानून का राज स्थापित करना है। पिछले साढ़े सात वर्षों से प्रदेश में कानून का राज मजबूती से स्थापित हुआ है। साथ ही प्रदेश के कानून के राज की चर्चा देश-विदेश में हो रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ये बातें मंगलवार को भारतीय संविधान को अंगीकार किए जाने की 75वीं वर्षगांठ पर नए आपराधिक कानूनों के तहत न्यायिक प्रक्रिया में फोरेंसिक साइंस और साइबर सुरक्षा की भूमिका विषय पर राष्ट्रीय सम्मेलन (26-27 नवंबर) के उद्घाटन अवसर पर कहीं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 26 नवंबर 1949 स्वतंत्र भारत के इतिहास की महत्वपूर्ण तारीख है।

भारत ने 75 साल पहले भारत माता के सपूत बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर द्वारा बनाए गए संविधान को अपनाया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 26 नवंबर 2015 से इस तारीख को पूरे देश में संविधान दिवस के रूप में मनाने का आह्वान किया था। योगी ने कहा कि तकनीक के इस्तेमाल से विकास कार्य तेजी से हो रहे हैं, लेकिन कुछ लोग इसका दुरुपयोग कर लोगों को आर्थिक नुकसान पहुंचा रहे हैं। ऐसे में साइबर ठगी और डिजिटल गिरफ्तारी जैसी घटनाओं को रोकने के लिए तकनीक का सकारात्मक इस्तेमाल करना होगा। उन्होंने कहा कि अगर सकारात्मक सोच वाले लोग तकनीक से दूर भागेंगे तो नकारात्मक लोग इस पर हावी हो जाएंगे। ऐसे में हमें उन्हें हावी नहीं होने देना चाहिए। काले दौर (सपा सरकार) में खूंखार भू-माफियाओं ने संस्थान की जमीन पर कब्जा कर लिया था, आज भव्य संस्थान संचालित हो रहा है।

भू-माफियाओं की जमीनों पर बनी संस्थाएंः CM Yogi

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि प्रदेश के काले दौर (सपा सरकार) में खूंखार भू-माफियाओं ने संस्थान की जमीन पर कब्जा कर लिया था। ऐसे में भू-माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई कर जमीन खाली कराई गई और आज उसी जमीन पर भव्य संस्थान खड़ा है, जहां विभिन्न पाठ्यक्रम पढ़ाए जा रहे हैं। योगी ने कहा कि वर्ष 2017 से पहले उत्तर प्रदेश की क्या स्थिति थी, यह किसी से छिपी नहीं है। प्रदेश के युवाओं के सामने पहचान का संकट था। कानून-व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त थी। उस दौरान गुंडागर्दी चरम पर थी। सभ्य व्यक्ति सड़कों पर नहीं आ सकता था। घर से बाहर निकलने में डरता था। खूंखार अपराधी और माफिया खुलेआम समानांतर सरकार चलाते थे। इसका दुष्परिणाम यह हुआ कि प्रदेश के युवाओं और नागरिकों के सामने पहचान का संकट पैदा हो गया। आज प्रदेश दंगा-मुक्त, गुंडा-मुक्त और माफिया-मुक्त है। सरकार ने पिछले साढ़े सात वर्षों में पुलिस में रिक्त पदों पर बड़े पैमाने पर भर्ती की है।

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इस दौरान पारदर्शी तरीके से 1,54,000 से अधिक पुलिसकर्मियों की भर्ती की गई। हाल ही में 60,200 पुलिसकर्मियों की नई भर्ती की प्रक्रिया चल रही है, जिसका परिणाम भी आ गया है। मुख्यमंत्री ने युवाओं से तकनीक से जुड़ने का आह्वान किया। कार्यक्रम में विधायक राजेश्वर सिंह, मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह, डीजीपी प्रशांत कुमार, अपर मुख्य सचिव गृह दीपक कुमार, एडीजी जीके गोस्वामी आदि मौजूद रहे।

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