Aman Singh murder case, रांचीः झारखंड हाई कोर्ट ने धनबाद जेल के अंदर गैंगवार में हिस्ट्रीशीटर अमन सिंह की गोली मारकर हत्या के मामले पर स्वत: संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार से पूछा है कि जेल में आर्म्स (आग्नेयास्त्र) कैसे पहुंचे और चूक का क्या कारण है?
जानकारी जुटा रहे अधिकारी
मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने राज्य के आईजी जेल को पांच दिसंबर को वर्चुअल मोड में अदालत में उपस्थित होने को कहा है। सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता राजीव रंजन और अधिवक्ता पीयूष चित्रेश ने पक्ष रखा। उनकी ओर से कोर्ट को बताया गया कि सरकार घटना की समीक्षा कर रही है। पुलिस के आला अधिकारी वहां जाकर जानकारी जुटा रहे हैं। आईजी जेल भी घटना स्थल पर गए हैं, वहां से लौटने के बाद वह घटना के संबंध में रिपोर्ट देंगे।
यूपी से किया गया था गिरफ्तार
बता दें कि धनबाद के पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह की हत्या के आरोपी शूटर अमन सिंह की 3 दिसंबर की दोपहर जेल के अंदर गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई थी। यूपी निवासी अमन मई 2021 से इस जेल में बंद था। उसे यूपी के मिर्ज़ापुर जेल के पास से गिरफ्तार किया गया था।
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अमन के खिलाफ धनबाद में हत्या, अपहरण, रंगदारी और फिरौती वसूली के 30 से अधिक मामले दर्ज हैं। जेल में हुए गैंगवार के बाद धनबाद डीसी वरुण रंजन, एसएसपी संजीव कुमार समेत जिले के तमाम आला अधिकारी धनबाद मंडल कारा पहुंचे थे। राज्य मुख्यालय से तीन अधिकारियों की टीम भी मौके पर जांच करने पहुंची।
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