Home प्रदेश घरों में निकलने वाले सभी सांप नहीं होते जहरीले, ऐसे करें पहचान

घरों में निकलने वाले सभी सांप नहीं होते जहरीले, ऐसे करें पहचान

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लखनऊः आजकल सर्दी के मौसम में घरों में ठंड से बचने और अपने भोजन के लिए सांपों (snakes) की कुछ प्रजातियां घरों में घुस रही हैं। लेकिन इनमें से आधे से ज्यादा जहरीले नहीं होते। नमी के कारण सांप पानी से भरे गड्ढों के आसपास भी अपना बिल बना लेते हैं। प्रशिक्षित सर्प विशेषज्ञ गोविंद शर्मा ने बताया कि कोटा शहर की कई आवासीय कॉलोनियों में उमस है।

इनमें सैंड गोवा कोनिक्स स्नेक, वूल स्नेक, ट्रिंकेट स्नेक, दमन प्रजाति, रैट स्नेक, वॉटर स्नेक, चेकर्ड कील ब्लैक, पॉइज़नस ब्लैक कोबरा अधिक पाए जाते हैं। सर्दियों में रोक पाइथॉन (पायथन), बेडैंड क्रैक की अधिक प्रजातियां निकलती हैं। सांप अपने भोजन के लिए छिपकलियों, चूहों, मेंढकों या पक्षियों के अंडों की तलाश में बगीचों या छतों से नीचे आते हैं। उन्हें मारने की बजाय किसी सर्प विशेषज्ञ से पकड़वाकर जंगल में छुड़वा दें। वे काटने के लिए नहीं बल्कि खुद को बचाने के लिए सुरक्षित जगह की तलाश में रहते हैं।

snakes की ये प्रजाति है ज्यादा खतरनाक-

शर्मा ने बताया कि कोटा के आसपास उन्होंने जो सांप पकड़े हैं, उनमें कॉमन मॉक वाइपर सांप गहरे भूरे रंग का और सफेद परत वाला होता है। इनकी लंबाई 26 इंच तक होती है। ये कम जहरीले होते हैं। वे लोगों को नुकसान नहीं पहुंचाते। पीली-भूरी धारी वाला रूसेल वाइपर 4 फीट लंबा होता है। यह सांप खुले घास वाले इलाकों में रहता है। यह अपने शरीर का एक तिहाई हिस्सा ऊपर उठाकर अपना फन दिखाता है। इसके एक बार काटने से मौत भी हो सकती है, इसलिए अगर यह दिख जाए तो इसे मारने की बजाय इससे दूरी बनाए रखें।

इसी तरह चेकर्ड कील ब्लैक सांप बड़ा होने पर 5.7 फीट लंबा हो सकता है। इनका रंग पीला भूरा सफेद होता है, जिस पर काले धब्बे दिखाई देते हैं। ये नदी के साफ़ पानी में पाए जाते हैं। इसी तरह बहुत तेज चलने वाला रैट स्नेक 5 से 6 फीट तक लंबा हो जाता है। किंग कोबरा की तरह, वे ग्रामीण क्षेत्रों के खेतों में रहते हैं जहाँ वे पक्षियों के अंडों का शिकार करते हैं। उन्होंने बताया कि इंडियन कोबरा सांप 3 से 5 फीट लंबा होता है। ये ऊपर से काले और नीचे से हल्के भूरे रंग के होते हैं। यह साँप के काटने से मरने वाली चार प्रमुख साँप प्रजातियों में से एक है। वे जंगल, मैदान, चट्टान या सामान्य भूमि में अपना बिल बनाते हैं। कोबरा और क्रैक दोनों ही जहरीले होते हैं, इनके डर से दिल का दौरा पड़ सकता है या काटने से जहर फैलने से मौत हो सकती है।

कुलपति आवास से पकड़ा गया कोबरा

कोटा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नीलिमा सिंह ने सर्प विशेषज्ञ गोविंद शर्मा को प्रशस्ति पत्र देते हुए बताया कि 18 नवंबर को कुपति आवास परिसर में एक-दो दिन तक कोबरा सांप दिखाई दे रहा था। उन्होंने इसकी सूचना लाडपुरा वन अधिकारी भवानी सिंह जादौन को दी। जिस पर सर्प प्रेमी गोविंद शर्माल ने तुरंत बिना कोई नुकसान पहुंचाए कुलपति आवास से 5 फीट लंबे कोबरा को रेस्क्यू किया और वन अधिकारी को सौंप दिया।

उमस में हर दिन निकल रहे हैं Snakes-

दोस्तपुरा में रहने वाले रतनलाल के घर में बुधवार को छत के रास्ते एक सांप घुस गया, जिससे बच्चे घबरा गए और बाहर निकल आए। उन्होंने तुरंत सांप पकड़ने वाले गोविंद शर्मा को बुलाया, जो घर पहुंचे और छिपे हुए सांप को ढूंढ लिया। शर्मा ने बताया कि 5.30 फीट लंबा यह सांप कोबरा प्रजाति का है, जो जहरीला है। उन्होंने इसे सुरक्षित पकड़कर वन विभाग के अधिकारी को सौंप दिया। बुधवार को महावीर नगर तृतीय सेक्टर-5 स्थित एक मकान के कमरे में लंबा सांप देखा गया। जब शर्मा को जानकारी मिली तो उन्होंने इस सांप को पकड़ लिया और सुरक्षित शहर से बाहर छोड़ दिया। उन्होंने बताया कि यह जहरीला नहीं है।

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सांप की जान बचाएं

शहर में पिछले 15 साल से सांप पकड़ने का काम कर रहे गोविंद शर्मा ने अपील की है कि अगर आपको किसी आवासीय कॉलोनी में सांप दिखें तो डरें नहीं और उन्हें मारने की कोशिश न करें। उनकी जान बचाने से तुम्हें कई गुना ज्यादा पुण्य मिलेगा। बचाव के लिए सांप को किसी भारी कपड़े से ढक दें, जिससे वह सुरक्षित महसूस करेगा और हमला नहीं करेगा। किसी प्रशिक्षित सर्प विशेषज्ञ को जानकारी देकर इसे पकड़ा जा सकता है। सांप के बारे में जानकारी आप मोबाइल नंबर-9602987347 पर दे सकते हैं।

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