नई दिल्लीः इस साल विश्व अस्थमा दिवस की थीम- ‘क्लोजिंग गैप्स इन अस्थमा केयर’ है। इसी के अनुरूप, अल्केम ने अस्थमा और सीओपीडी (क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज) रोगियों के जीवन को आसान बनाने के लिए एक डीपीआई डिवाइस ‘इनोहेलर’ लॉन्च किया है। यह भारत में अस्थमा देखभाल में प्रचलित अंतराल को पूरा करता है। अस्थमा और सीओपीडी, ऑब्सट्रक्टिव एयरवे डिजीज (ओएडी) में प्रमुख योगदान देते हैं। अगर हम आंकड़ों पर विश्वास करें, तो भारत में ओएडी (अस्थमा और सीओपीडी) का बोझ सबसे अधिक रहा है। भारत में ओएडी से पीड़ित लगभग नौ करोड़ रोगियों में से एक करोड़ से भी कम को सही केयर मिल पाती है।
फेफड़े को शरीर का सबसे नाजुक और कमजोर अंगों में से एक माना जाता है जो कई प्रकार की बीमारियों के लिए अतिसंवेदनशील होते हैं। अस्थमा और सीओपीडी प्रमुख अवरोधक रोग हैं जो फेफड़ों के वायु प्रवाह की पुरानी रुकावट के कारण होते हैं जो सामान्य श्वास में बाधा डालते हैं। ऐसे मरीजों के लिए ड्राई पाउडर इनहेलर (डीपीआई) सबसे पसंदीदा दवा वितरण प्लेटफॉर्म माना जाता है।
अल्केम भारत में श्वसन रोगों के उपचार में भारी अंतर को भरने के लिए पूरी तरह तैयार है और डीपीआई डिवाइस इनोहेलर को पेश कर ‘पल्मोनोलॉजी वर्टिकल’ में एक बड़ी छलांग लगाई है। इस डिवाइस से, अल्केम कोर इनहेलेशन थेरेप्यूटिक्स में प्रवेश कर रहा है और यह मान कर चल रहा है कि दवा प्रत्येक इनहेलेशन में फेफड़ों तक प्रभावी ढंग से पहुंचेगी।
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इस उपलब्धि पर खुशी व्यक्त करते हुए, एल्केम लेबोरेटरीज लिमिटेड के प्रबंध निदेशक, संदीप सिंह ने कहा, “यह क्षण ऑब्सट्रक्टिव एयरवेज बीमारियों में सही देखभाल से वंचित लाखों लोगों के लिए हमारे वादे को पूरा करता है और यह भी याद दिलाता है कि हमें कई मील आगे की यात्रा करनी है। ड्रग डिलीवरी प्लेटफॉर्म – इनोहेलर – (डीपीआई डिवाइस) की शुरुआत के साथ कोर इनहेलेशन थेरेपी में कदम रखते हुए हम निश्चित रूप से चिकित्सकों से लेकर सभी हितधारकों के बीच सही ज्ञान और जागरूकता का प्रचार कर भारत में फेफड़ों के बोझ (लंग बर्डन) को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
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