फतेहाबादः फतेहाबाद में अधिकारियों की लापरवाही से एक जीवित स्वतंत्रता सेनानी (freedom fighter) को मृत दिखा दिया गया। गांव हिजरावां कलां में स्वतंत्रता दिवस पर लिखे गए स्मारक पर गांव के एकमात्र जीवित स्वतंत्रता सेनानी नादर सिंह के सामने स्व. लिखा गया था। इससे न सिर्फ स्वतंत्रता सेनानी और उनके परिजन नाराज हैं बल्कि ग्रामीणों ने भी इस पर आश्चर्य जताया है।
जिला प्रशासन को दी सूचना
प्राप्त जानकारी के अनुसार गांव हिजरावां कलां निवासी 100 वर्षीय नादर सिंह अभी भी पूरी तरह स्वस्थ हैं। स्वतंत्रता दिवस पर ग्राम प्रशासन द्वारा एक स्मारक स्थापित किया गया था। इस स्मारक पर गांव के नादर सिंह के नाम के आगे स्व. लिखा गया। जैसे ही यह बात नादर सिंह और उसके परिवार वालों को पता चली तो वे नाराज हो गए। इसके बाद नादर सिंह खुद स्मारक पर गए और अपने जिंदा होने का सबूत दिया। नादर सिंह के पुत्र जंगीर सिंह का कहना है कि पिता के नाम के आगे स्वर्गीय लिखने से अब उन्हें पेंशन व अन्य सुविधाओं से वंचित होना पड़ेगा। इस गलती को सुधारने के लिए वे जगह-जगह पत्र भेज रहे हैं। उन्होंने सैनिक बोर्ड को अपने पिता के जीवित होने की जानकारी भी दी है। जिला प्रशासन को भी सूचना दे दी गयी है।
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घर वालों ने जताई नाराजगी
इसके अलावा ग्राम पंचायत को भी इस बारे में कई बार अवगत कराया जा चुका है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। अब लोग स्मारक पर स्वर्गीय वचन पढ़कर शोक व्यक्त करने उसके घर आते हैं, जिससे उसे शर्मिंदगी महसूस होती है। उन्होंने बताया कि प्रशासन ने उनके पिता का अपमान किया है। इस मामले में जब गांव के सरपंच प्रतिनिधि करण सिंह से बात की गई तो उन्होंने बताया कि यह स्मारक गांव में पंचायत द्वारा नहीं, बल्कि प्रशासनिक योजना के तहत लगाया गया है। जब उनसे स्वतंत्रता सेनानी के बारे में पूछा गया तो उन्होंने उनका नाम बताया, लेकिन जब बोर्ड तैयार हुआ तो उस पर स्वर्गीय लिखा हुआ था। बाद में जब नादर सिंह के परिवार ने इस ओर ध्यान दिलाया तो स्वर्गीय शब्द हटा दिया गया।
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