Wednesday, January 8, 2025
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HMPV को लेकर इस राज्य में अलर्ट जारी, कोविड-19 की तर्ज पर व्यवस्था करने के निर्देश

पटनाः चीन में फैले HMPV वायरस को लेकर बिहार में अलर्ट जारी कर दिया गया है। इस वायरस से निपटने के लिए सभी स्वास्थ्य संस्थानों में कोविड-19 की तर्ज पर व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं। केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों के बाद बिहार स्वास्थ्य विभाग ने सभी जिलों के जिलाधिकारियों, मेडिकल कॉलेज अस्पतालों के प्राचार्यों और अधीक्षकों, सिविल सर्जनों को इस वायरस से बचाव के लिए कोरोना की तर्ज पर व्यवस्था करने का निर्देश दिया है।

HMPV: लगातार रखी जा रही नजर

स्वास्थ्य सचिव संजय सिंह ने निर्देश दिया है कि सभी स्वास्थ्य संस्थान इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारियों और गंभीर तीव्र श्वसन निमोनिया (एसएआरआई) की निगरानी सुनिश्चित करें और इसकी रिपोर्ट प्रतिदिन आईएचआईपी पोर्टल पर दें। स्वास्थ्य सचिव ने निर्देश दिया है कि कोविड-19 से संबंधित दवाएं, किट, वेंटिलेटर, ऑक्सीजन और मास्क आदि की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। उन्होंने इसके ट्रेंड पर नजर रखने और इसके बढ़ने की स्थिति में सभी अस्पतालों में फ्लू कॉर्नर को सक्रिय करने को कहा है। साथ ही सभी अस्पतालों को संक्रमण नियंत्रण गतिविधियों पर बारीकी से नजर रखने, सभी गंभीर रूप से भर्ती मामलों के नमूने जांच के लिए पुणे स्थित राष्ट्रीय लैब में भेजने को कहा है ताकि लैब में HMPV की पुष्टि हो सके। बीमारी के शुरुआती लक्षण

शुरुआती लक्षण खांसी-जुकाम, तेज बुखार और गंभीर मामलों में सांस लेने में दिक्कत हो सकती है। पांच साल से कम उम्र के बच्चे, बुजुर्ग, गर्भवती महिलाएं, किडनी, हार्ट, लिवर जैसी कमजोर इम्युनिटी वाले लोगों को ज्यादा खतरा है।

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HMPV को लेकर स्वास्थ्य सचिव के निर्देश

-सभी अस्पतालों में इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी और गंभीर तीव्र श्वसन निमोनिया या संक्रमण को चिह्नित करें और प्रतिदिन पोर्टल पर रिपोर्ट अपलोड करें।

-कोविड-19 से संबंधित दवाओं, किट, वेंटिलेटर, ऑक्सीजन, मास्क आदि की उपलब्धता सुनिश्चित करें।

-इसी तरह के लक्षणों के मामले बढ़ने पर सभी अस्पतालों में फ्लू कॉर्नर बनाए जाएं और जांच शुरू की जाए।

-चिकित्साकर्मियों को HMPV से बचाव के बारे में प्रशिक्षित किया जाए।

-सभी अस्पतालों में संक्रमण नियंत्रण प्रथाओं की गहन निगरानी शुरू की जाए।

-अस्पताल में विशेष व्यवस्था की जाए और सांस लेने में तकलीफ और बुखार वाले मरीजों के इलाज के लिए वार्ड और बेड आवंटित किए जाएं।

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