गंगा के किनारे बसे गांवों-शहरों में अलर्ट, सीएम योगी ने दिया हरसंभव मदद का आश्वासन

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लखनऊः उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तराखंड में आयी प्राकृतिक आपदा पर हरसंभव मदद का आश्वासन दिया है। साथ ही मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड में ग्लेशियर टूटने के बाद से नदियों के जलस्तर पर हुई बढ़ोत्तरी के मद्देनजर उत्तर प्रदेश में गंगा नदी के किनारे के सभी जनपदों के डीएम, एसएसपी और एसपी को सतर्कता बरतने के निर्देश दिये है। साथ ही उन्होंने प्रदेश के सभी संबंधित विभागों व अधिकारियों को भी हाई अलर्ट पर रहने के निर्देश दिये है। इससे गंगा नदी के किनारे बसे गांवों और शहरों में अलर्ट घोषित कर दिया गया है। मुख्यमंत्री ने लोगों से अपील की है कि वे किसी भी अफवाह पर भरोसा न करें और न ही अफवाह फैलायें। स्वयं सतर्कता बरतते हुए लोग नदी के किनारे न जाएं। किसी विषम परिस्थिति के उत्पन्न होने पर जिला प्रशासन के साथ सहयोग करें। उत्तर प्रदेश सरकार सभी आवश्यक कदम उठा रही है।

दूसरी ओर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत से संपर्क में हैं। वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तराखंड में हुई घटना में लापता लोगों के प्रति शोक भी जताया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि देवभूमि उत्तराखंड में ग्लेशियर टूटने से उत्पन्न हुई आपदा में अनेक नागरिकों के कालकवलित होने की सूचना से मन दुखी है। प्रभु श्रीराम से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्माओं को शांति, शोकसंतप्त परिजनों को यह दुःख सहने की शक्ति व घायलों को शीघ्र स्वास्थ्य लाभ प्रदान करें। गंगा नदी के किनारे वाले जनपदों बिजनौर, बदायूं, हापुड़, फर्रुखाबाद, कानपुर, प्रयागराज, बलिया व वाराणसी के जिलाधिकारियों से राहत आयुक्त ने सतर्क रहने का दिशा-निर्देश जारी कर दिया है। गौरतलब है कि उत्तराखंड के चमोली जिले के रेनी गांव के पास एक पॉवर प्रोजेक्ट के पास हिमस्खलन होने से धौलीगंगा नदी के जल स्तर में भारी बढ़ोतरी हो गई, जिसकी वजह से जोशीमठ क्षेत्र में लोगों को भीषण बाढ़ का सामना करना पड़ा है। घटना रेनी गांव के पास हुई, जो जोशीमठ से 26 किमी दूर है।

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धौलीगंगा नदी के जलस्तर में अचानक बढ़ोतरी हो गई और इसके किनारे कई घर नष्ट हो गए। भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) ने कहा कि कुछ बादल फटने या जलाशय में जलस्तर में तीव्र वृद्धि से धौलीगंगा नदी में बाढ़ आ गई, जोकि गंगा नदी के 6 स्रोत धाराओं में से एक है। ग्लेशियर टूटने के बाद ऋषि गंगा पनबिजली परियोजना में काम करने वाले कई मजदूरों के लापता होने की आशंका है। तपोवन बिजली परियोजना का एक बांध टूट गया और उसके बह जाने की आशंका है।