उत्तर प्रदेश Featured राजनीति

लोकसभा चुनाव से पहले अखिलेश के सामने अपनों की परीक्षा, एक-एक कर सपा का साथ छोड़ रहे दिग्गज

Akhilesh Yadav, लखनऊः समाजवादी पार्टी (सपा) भले ही भारत गठबंधन में शामिल होकर विपक्षी एकता के साथ लोकसभा चुनाव लड़ने का दावा कर रही हो, लेकिन इस समय सपा को अपने ही लोगों की नाराजगी ज्यादा दर्द दे रही है। राज्यसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों की घोषणा से नाराज सपा महासचिव स्वामी प्रसाद (swami prasad maurya) ने न सिर्फ अपने पद से इस्तीफा दे दिया है, बल्कि पार्टी पर भेदभाव का गंभीर आरोप भी लगाया है।

अब पल्लवी पटेल ने भी छोड़ सपा का साथ

पार्टी की एक अन्य सहयोगी पार्टी अपना दल कमेरावादी की नेता और सिराथू से विधायक पल्लवी पटेल (pallavi-patel) ने भी राज्यसभा चुनाव में एसपी पर पीडीए (पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक) की अनदेखी का आरोप लगाया है। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि इस समय अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। पहला, उन्हें राज्यसभा में विधायकों की एकजुटता दिखानी है, दूसरा लोकसभा चुनाव में अपने साथियों को सुरक्षित रखना है। लेकिन फिलहाल ऐसा होता नजर नहीं आ रहा है। इससे पहले रालोद प्रमुख जयंत चौधरी ने सात सीटों पर गठबंधन होने के बावजूद कुछ सीटों पर दिक्कतों के चलते सपा का साथ छोड़ दिया था। अब पार्टी के नेता भी अलग हो रहे हैं। ऐसे में सपा के सामने अपना गठबंधन बचाने और बागियों को रोकने की दोहरी चुनौती है। ये भी पढ़ें..Palamu: राहुल गांधी के बिना पलामू व गढ़वा में निकलेगी भारत जोड़ो न्याय यात्रा

स्वामी प्रसाद मौर्य ने सपा पर भेदभाव का लगाया आरोप

स्वामी प्रसाद मौर्य लंबे समय से सपा में खुद को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं। उनके हर बयान को समय-समय पर प्रो. रामगोपाल यादव और शिवपाल यादव निजी राय बताते रहे हैं। वहीं, विधानसभा में पार्टी के मुख्य सचेतक मनोज पांडे ने तो कह डाला कि ''उनका मानसिक संतुलन बिगड़ा हुआ है''। हालांकि उन्हें सबसे ज्यादा दुख इस बात का है कि पार्टी के भीतर भी सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव उनके खिलाफ आने वाले बयानों पर रोक नहीं लगा रहे हैं। इसीलिए उन्होंने भेदभाव का आरोप लगाते हुए महासचिव पद से इस्तीफा दे दिया है।

पल्लवी पटेल ने भी सपा पर साधा निशाना

पार्टी विधायक और अपना दल कमेरावादी नेता पल्लवी पटेल ने राज्यसभा चुनाव के लिए सपा उम्मीदवारों को लेकर सपा नेतृत्व पर निशाना साधा है। उन्होंने अपने बयान में कहा कि पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक समुदाय के लोग सपा को वोट देते हैं लेकिन पीडीए के लोगों को राज्यसभा उम्मीदवारों में शामिल नहीं किया जाता है। यह पीडीए के साथ धोखा है। उन्होंने कहा कि मुस्लिम समाज के लोग बीजेपी के खिलाफ लड़ाई में अखिलेश यादव के साथ मजबूती से खड़े हैं। प्रत्याशियों में मुस्लिम प्रत्याशी का न होना उनके साथ धोखा है। उन्होंने राज्यसभा चुनाव में सपा प्रत्याशियों के पक्ष में वोट न करने का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि मैं इस धोखाधड़ी में शामिल नहीं हूं।

लोकसभा चुनाव से पहले Akhilesh Yadav के सामने बड़ी चुनौती

वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक वीरेंद्र सिंह रावत का कहना है कि लोकसभा चुनाव से पहले ही सपा मुखिया अखिलेश को बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ा है। उनके लिए उनसे निपटना मुश्किल होगा क्योंकि वह इन छोटे सहयोगियों के कारण भारत गठबंधन में अधिक सीटों की मांग करने में व्यस्त थे। पहले आरएलडी, स्वामी प्रसाद मौर्य और अब अपना दल ने अखिलेश की नीति पर सवाल उठाए हैं। फिलहाल सपा के लिए राज्यसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस समेत सभी दलों को लुभाना जरूरी है ताकि लोकसभा चुनाव में पीडीए के पार्टी के साथ रहने का संदेश दिया जा सके। (अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर(X) पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)