अखिलेश यादव बोले-मतदाता सूची जारी नहीं की तो चुनाव आयोग के खिलाफ देंगे धरना

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लखनऊः प्रदेश में 21 लाख 56 हजार 262 मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से काटे गये हैं और 16 लाख 27 हजार 756 नए मतदाताओं के नाम जोड़े गये हैं लेकिन चुनाव आयोग सूची जारी नहीं कर रहा है। ऐसे में किसी गड़बड़ी की आशंका बलवती हो रही है। समाजवादी पार्टी के पदाधिकारी चुनाव आयोग को इस संबंध में ज्ञापन भी दे चुके हैं। यदि जल्द सूची जारी नहीं होती तो समाजवादी पार्टी चुनाव आयोग के खिलाफ भी धरना देगी। ये बातें समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मंगलवार को प्रेसवार्ता में कही। इस अवसर पर अखिलेश यादव ने एक समाजवादी इत्र भी लांच किया, जिसमें 22 प्राकृतिक खुशबू को मिलाकर बनाया गया है। उन्होंने कहा कि यह प्रतीक है कि 2022 में यूपी की सरकार बदलकर रहेगी। जनता बदलाव की ओर बढ़ चुकी है। इसे अब कोई रोक नहीं सकता।

उन्होंने कहा कि 2019 तक चुनाव आयोग अंतिम रूप से छपने से पहले मतदाता सूची का प्रारूप जारी करता रहा है। इससे सभी को पता चल जाता है कि हमारा नाम जुड़ा है अथवा नहीं लेकिन इस बार यह जारी नहीं कर रहा है। इससे गड़बड़ी की आशंका रहती है। हम इसके लिए केन्द्रीय चुनाव आयोग को भी ज्ञापन देंगे। यदि इसके बाद भी जारी नहीं किया गया तो हम धरना देने के लिए बाध्य होंगे। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने प्रदेश कार्यालय में ही नोटबंदी के समय बैंक में ही पैदा हुए खंजाची का आज जन्मदिन मनाया और साथ ही कहा कि इसका जन्मदिन तो भाजपा को मनाना चाहिए, क्योंकि यह भाजपा की नोटबंदी के कारण ही बैंक में प्रसव के दौरान पैदा हुआ था लेकिन वह इसे याद भी नहीं करती है। अभी तक समाजवादी पार्टी के अलावा किसी ने इसका सहयोग नहीं किया।

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उन्होंने कहा कि भाजपा ने आजतक नोटबंदी के फायदे भी नहीं बताये। आखिर काला धन कौन लेकर चला गया। नोटबंदी के बाद भ्रष्टाचार और बढ़ गया। यूपी में तो यह चरम पर है। यहां भ्रष्टाचार ने सीमा तोड़ दी है। उन्होंने कहा कि हम तो हमेशा कहते हैं कि कभी रुपया काला या सफेद नहीं होता। हमारा लेन-देन काला और सफेद होता है। नोटबंदी तो सिर्फ अपने अड़ियल रुख के कारण भाजपा ने लागू की थी और इसके माध्यम से उसने बड़े घरानों को फायदा पहुंचाया। उन्होंने आमरण अनशन पर बैठे अपने विधायक राकेश से अपील की कि वे आमरण अनशन को खत्म कर सरकार के खिलाफ मैदान में अभी से डट जाएं। यहां तीन इंजन दिल्ली, लखनऊ व लखीमपुर की सरकार है। सरकार गूंगी बहरी होने के कारण यहां कोई सुनवाई नहीं होनी है। आने वाले समय में जनता इस सरकार को बदलने जा रही है।

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