Monday, March 17, 2025
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UP By-Election : सपा के सिंबल पर लड़ेंगे इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी, जानें क्या हैं अखिलेश के ऐलान के मायने

UP By-Election , लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा की नौ सीटों पर होने वाले उपचुनाव को लेकर समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने बुधवार रात बड़ा ऐलान किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में ‘इंडिया’ ब्लॉक के सभी प्रत्याशी सपा के चुनाव चिन्ह साइकिल के साथ चुनाव लड़ेंगे। अखिलेश यादव ने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट में लिखा, “‘सीटों की नहीं जीत की बात है। इसी रणनीति के तहत ‘इंडिया गठबंधन’ के संयुक्त प्रत्याशी समाजवादी पार्टी के चुनाव चिन्ह ‘साइकिल’ के साथ सभी नौ सीटों पर चुनाव लड़ेंगे।”

अखिलेश ने किया बड़ा ऐलान

दरअसल सपा और कांग्रेस ने इस साल प्रदेश में लोकसभा चुनाव मिलकर लड़ा था। सपा सुप्रीमो ने कहा कि कांग्रेस और समाजवादी पार्टी “बड़ी जीत के लिए कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी हैं। गठबंधन इस उपचुनाव में जीत की नई इबारत लिखने जा रहा है।” सपा मुखिया ने दावा किया कि कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेतृत्व और बूथ स्तर पर कार्यकर्ताओं के एक साथ आने से समाजवादी पार्टी की ताकत कई गुना बढ़ गई है। उन्होंने लिखा, “इस अभूतपूर्व सहयोग और समर्थन से सभी नौ विधानसभा सीटों पर ‘इंडिया गठबंधन’ का हर कार्यकर्ता जीत के संकल्प के साथ नई ऊर्जा से भर गया है।

अखिलेश यादव ने इस उपचुनाव को देश के संविधान, सौहार्द और पीडीए (पिछड़ा-दलित-अल्पसंख्यक) के सम्मान को बचाने का चुनाव बताया। उन्होंने अपील की: “एक भी वोट कम नहीं होना चाहिए, एक भी वोट बंटना नहीं चाहिए।” अंत में उन्होंने लिखा कि देशहित में ‘इंडिया’ ब्लॉक की सौहार्द से भरी यह एकता और एकजुटता आज और कल भी एक नया इतिहास लिखेगी।

क्या हैं अखिलेश के ऐलान के सियासी मायने

दरअसल, आशंका जताई जा रही थी कि कांग्रेस पार्टी ने उपचुनाव लड़ने से इसलिए मना कर दिया है, क्योंकि उसे मनचाही सीटें नहीं मिली हैं। सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस पार्टी हारी हुई सीटों पर दांव नहीं लगाना चाहती थी। अखिलेश यादव ने गाजियाबाद और खैर की सीटें कांग्रेस के लिए छोड़ी थीं, जिन्हें सभी राजनीतिक जानकार और कांग्रेस पार्टी ऐसी सीटें मान रही थी जिन्हें जीतना लगभग नामुमकिन था क्योंकि पिछले कई बार से ये दोनों सीटें बीजेपी जीतती आ रही थी।

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राजनीतिक जानकारों की माने तो, यह कांग्रेस का फेस सेविंग फॉर्मूला है जिसमें सांप भी मर जाए और लाठी भी टूटे। यानी कोई चुनाव भी नहीं लड़े और फिर भी अपनी हैसियत बरकरार रखे। कांग्रेस पार्टी जानती थी कि गाजियाबाद सदर और खैर सीटें उसके लिए सबसे मुश्किल हैं और यही वजह है कि समाजवादी पार्टी ने ये दोनों सीटें कांग्रेस के लिए छोड़ दी।

13 नवंबर को होगा मतदान

सूत्रों की माने तो कांग्रेस ने कहा था कि फूलपुर और मीरापुर जैसी सीटें नहीं दी गईं तो वह चुनाव नहीं लड़ेंगे। जबकि अखिलेश यादव ने ये दोनों सीटें देने से इसलिए इनकार कर दिया क्योंकि ये दोनों ऐसी सीटें हैं जिन्हें विपक्ष जीत सकता है। खैर उत्तर प्रदेश की सभी नौ विधानसभा सीटों के लिए 13 नवंबर को मतदान होगा। 23 नवंबर को मतगणना होगी।

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