Lakhimpur Kheri News : भारतीय जनता पार्टी (BJP) विधायक योगेश वर्मा से मारपीट मामले में बवाल फिलहाल थमा नहीं है। इस बीच सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने थप्पड़ कांड पर सरकार पर तंज कसा है। अखिलेश ने कहा कि अपमान की असली वजह यह है कि सत्ताधारी दल का विधायक होने से पहले वो पीडीए हैं और दूसरी तरफ हमलावर दबंग।
सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि यूपी की सत्ताधारी पार्टी के विधायक के अपमान की असली वजह यह है कि सत्ताधारी दल का विधायक होने से पहले वो पीडीए हैं और दूसरी तरफ हमलावर दबंग। जहां तक विधायक के चुनाव घोटाले की बात है तो उन्हें यह करना ही पड़ेगा क्योंकि जिस पार्टी में वो हैं, उसका चुनाव जीतने का यही तरीका है।
विधायक योगेश वर्मा की इसलिए हुई पिटाई
मालूम हो कि अर्बन कोऑपरेटिव बैंक चुनाव में निवर्तमान चेयरमैन पुष्पा सिंह और पूर्व चेयरमैन मनोज अग्रवाल का खेमा मैदान में है। दोनों अपने-अपने समर्थकों के साथ कोऑपरेटिव बैंक कार्यालय में नामांकन दाखिल करने पहुंचे थे। सदर विधायक योगेश वर्मा ने आरोप लगाया है कि मनोज अग्रवाल खेमे के समर्थित प्रत्याशी राजू अग्रवाल का पर्चा वकीलों ने फाड़ दिया। उनकी पिटाई भी की गई। विधायक को जब इसकी जानकारी हुई तो वह भी मौके पर पहुंच गए। विधायक को देखकर पुष्पा सिंह के पति अवधेश सिंह भड़क गए। दोनों के बीच कहासुनी हो गई।
विधायक कुछ समझ पाते इससे पहले ही उन्हें थप्पड़ जड़ दिया गया। इसके बाद पीछे से उनके समर्थक आ गए। उन्होंने विधायक को घेर लिया और उनकी पिटाई कर दी। यह मामला बढ़ गया था लेकिन सदर कोतवाली में उनकी शिकायत पर कोई केस दर्ज न होने से विधायक योगेश वर्मा काफी नाराज हैं। आज उन्होंने अपने दोनों गनमैन वापस भेज दिए हैं।
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करणी सेना ने आरोपी अवधेश सिंह को किया सम्मानित
इधर, करणी सेना ने भाजपा विधायक पर हमला करने के आरोपी अधिवक्ता अवधेश सिंह को मंच पर बुलाकर सम्मानित किया। लखीमपुर में थप्पड़कांड पर कार्यकर्ताओं को नोटिस जारी लखीमपुर में भाजपा विधायक योगेश वर्मा पर हुए हमले के मामले में प्रदेश नेतृत्व ने पार्टी के चार कार्यकर्ताओं को नोटिस जारी किया है।
इनमें अर्बन कोऑपरेटिव बैंक की पूर्व अध्यक्ष पुष्पा सिंह और उनके पति व भाजपा के सक्रिय सदस्य अवधेश सिंह, पार्टी के जिला उपाध्यक्ष अनिल यादव और बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की पूर्व सह संयोजक ज्योति शुक्ला शामिल हैं।इन सभी से दो दिन के अंदर स्पष्टीकरण मांगा गया है।