Wednesday, January 29, 2025
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महाकुंभ में अखिलेश यादव…पिता मुलायम को दी श्रद्धांजलि, इस्कॉन भंडारे में बनाया प्रसाद

MahaKumbh 2025: समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) प्रयागराज के दौरे पर हैं। महाकुंभ () पहुंचे अखिलेश यादव ने संगम में स्नान किया और संतों का आशीर्वाद भी लिया। साथ ही अपने पिता और दिवंगत नेता मुलायम सिंह यादव की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। इस दौरान उन्होंने सेक्टर-19 में अडानी और इस्कॉन के सहयोग से चलाए जा रहे भंडार में भी हिस्सा लिया। यहां उन्होंने भंडारे का महाप्रसाद भी बनाया। साथ ही भंडार में भोजन भी किया।

दरअसल इस्कॉन की रसोई में रोजाना एक लाख श्रद्धालुओं के लिए महाप्रसाद तैयार किया जा रहा है। प्रसिद्ध उद्योगपति गौतम अडानी 21 जनवरी को इस्कॉन शिविर में शामिल हुए थे। यहां महाप्रसाद तैयार किया गया था। इस्कॉन शिविर और अडानी समूह की ओर से भंडारे की शुरुआत की गई। भंडारे में दाल, सोयाबीन और आलू की सब्जी, रोटी, पूरी और हलवा परोसा गया। उन्होंने खुद भी भंडारे में खाया। महाप्रसाद सेवा 26 फरवरी तक दी जाएगी।

MahaKumbh 2025: मुलायम सिंह यादव की प्रतिमा पर किया माल्यर्पण

इस दौरान अखिलेश मुलायम सिंह यादव की प्रतिमा स्थापित शिविर में भी पहुंचे। यहां उन्होंने अपने पिता की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। उन्होंने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा कि महाकुंभ परिसर में सबके नेता और उनके पिता को श्रद्धांजलि। अखिलेश ने इसकी तस्वीरें भी अपने सोशल मीडिया हैंडल पर शेयर की हैं। साथ ही अखिलेश ने शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती से भी मुलाकात की।

ये भी पढ़ेंः- MahaKumbh 2025 : संगम तट से बाबा रामदेव और CM योगी ने दुनिया को दिया ‘योग’ का संदेश

Akhilesh Yadav ने सोशल मीडिया पर किया पोस्ट

इस दौरान सपा प्रमुख ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लिखा कि महाकुंभ की पवित्र यात्रा 144 साल में एक बार आती है, वह भी संगम के तट पर, यानी जीवन में एक बार और वह भी नदियों के मिलन स्थल पर। इसीलिए इससे ये संकल्प लेना चाहिए कि हमें जो जीवन मिला है, वो अलग-अलग दिशाओं से आती हुई धाराओं के मिलन से ही अपना सही अर्थ और मायने पा सकता है।

उन्होंने आगे लिखा, “संगम की तरह हमें अपने पूरे जीवन में सद्भाव का सकारात्मक संदेश देना चाहिए। जब ​​भी किसी व्यक्ति के अंदर सद्भाव, सौहार्द और सहिष्णुता की तीन नदियों का संगम होगा… तब हम सभी महाकुंभ का अनुभव करेंगे।”

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