लखनऊः समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार ने शिक्षा व्यवस्था को पूरी तरह बर्बाद कर दिया है। मिशन कायाकल्प के नाम पर करोड़ों, अरबों रुपये फूंकने के बाद भी सरकारी स्कूलों के हालात में कोई सुधार नहीं हुआ है। तमाम स्कूल जर्जर भवनों में चल रहे हैं। शिक्षकों के तमाम पद खाली हैं। भाजपा सरकार और मुख्यमंत्री केवल वायदों के सहारे अपने दिन बिता रहे हैं।
श्री यादव ने कहा कि भाजपा सरकार परिषदीय स्कूलों में बच्चों के हित में कोई भी व्यवस्था करने में नाकाम रही है। बच्चों को यूनीफार्म, जूता-मोजे मुहैया करने में बहुत लापरवाही बरती गई। अभी तक सभी स्कूलों में बच्चों को किताबें नहीं बंट पाई है। लाखों बच्चे बिना किताब पढ़ाई करने को मजबूर हैं। बच्चों के खेलकूद के लिए मैदान नहीं है। स्कूल की साफ-सफाई खुद बच्चों को ही करनी पड़ती है। उन्होंने कहा कि भाजपा राज में शिक्षा क्षेत्र में घोर अव्यवस्था और अधिकारियों की मनमानी के चलते परिषदीय स्कूलों से बच्चों और अभिभावकों का मोहभंग हो चला है। शिक्षा की खराब गुणवत्ता और मूलभूत सुविधाओं की कमी के कारण अकेले नोएडा में 38 प्रतिशत बच्चों ने स्कूल जाना छोड़ दिया। स्कूल छोड़ने वाले बच्चों की संख्या उत्तर प्रदेश में बढ़ती ही जा रही है। शिक्षक समय से स्कूल नहीं आते हैं। बहुत से शिक्षक नाम मात्र के शिक्षक बने हैं।
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सपा प्रमुख ने कहा कि सरकारी स्कूलों से मोहभंग का कारण यह भी है कि वहां न तो पेयजल की सुचारू व्यवस्था है और न ही मिड-डे-मील बन रहा है। तिर्वा के प्राथमिक विद्यालय, बरूआ में मिड-डे-मील न मिलने पर छात्र हंगामा कर चुके हैं। वैसे भी बच्चों को दूध, अंडा देने से राज्य सरकार पहले ही किनारा कर चुकी है। कई स्कूलों में तो पढ़ाई से ज्यादा मेहनत बाहर से पानी लाने में छात्राओं को करनी पड़ रही है। अधिकांश विद्यालयों में शौचालय न होने से छात्राओं को विशेषकर बहुत परेशानी होती है। भाजपा सरकार पता नहीं कहां इज्जतघर बना रही है? श्री यादव ने कहा कि सच तो यह है कि भाजपा सरकार की शिक्षा सहित विकास के किसी काम में कोई रुचि नहीं है, भाजपा लगातार सत्ता की राजनीति में व्यस्त रहती है। अपने पिछले पांच साल में उसने जनहित का कोई काम नहीं किया। भाजपा सरकार अब उत्तर प्रदेश के 11 हजार प्राथमिक विद्यालयों को भी पीपीपी मॉडल पर अपने चहेते पूंजीपतियों को देने की योजना बना रही, जिससे रहा-सहा सरकारी नियंत्रण भी नहीं रहेगा। गरीब बच्चे कहां पढ़ेंगे? इसकी चिंता सरकार को नहीं है। कुछ न करना लेकिन झूठे कामों का ढिंढोरा जोरों से पीटना ही भाजपा सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि है।
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