अजमेरः राजस्थान के अजमेर जिले में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। यहां के गीगलपुरा (गोला) गांव में एक मां ने पारिवारिक कलह के चलते अपने बच्चों में प्यार बांटने की जगह मौत बांट दी। एक महीने से लेकर चार साल तक के अपने चार बच्चों को अपने ही हाथों से कुएं में फेंक दिया और उसके बाद खुद भी कुएं में छलांग लगा दी। शुक्रवार देर रात इसकी जानकारी जब परिवार के लोगों को मिली तो हडकंप मच गया। तुरंत पुलिस और सिविल डिफेंस की टीमों को मौके पर बुलाया गया।
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गांव वालों ने भी मदद की और कुएं से जीवन बचाने के प्रयास शुरु हो गए। लेकिन, सिर्फ मां को ही बचाया जा सका। चारों बच्चों की डूबने से मौत हो गई। तीन बच्चों के शव निकाल लिए गए। उसके बाद तीन घंटे लगातार सर्च के बाद एक महीने के बच्चे के शव को भी निकाल लिया गया। मांगलियावास थाना पुलिस ने चारों बच्चों के शव पीसांगन अस्पताल की मोर्चरी में रखवाए हैं। थाना प्रभारी सुनील ताड़ा ने बताया कि शुक्रवार रात को मोती देवी पत्नी बोदु गुर्जर (32) का परिवार में झगड़ा हो गया और इसी से परेशान होकर वह बलदेव राम गुर्जर के कुएं में अपने चार बच्चों के साथ कूद गई।
मोतीदेवी को जिंदा बाहर निकाल लिया गया, लेकिन कोमल (4), रिंकू (3), राजवीर (2) और देवराज (एक माह) को नहीं बचाया जा सका। कुछ देर बाद इनकी बॉडी निकाली गई। देवराज की बॉडी कांटों में फंसी थी। उसके लिए अजमेर से एसडीआरएफ की टीम बुलाई और काफी मशक्कत के बाद शनिवार सुबह 7 बजे के करीब उसकी लाश निकाली जा सकी। अब चारों के शव का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है।
वार्ड पंच प्रताप ने बताया कि बोदू गुर्जर खेती बाड़ी का ही काम करता है। इन चार बच्चों के अलावा एक बड़ा बेटा रवि (7) है, जो बच गया है। उधर, एएसआई होशियारसिंह ने बताया कि पति बोदूसिंह ने रिपोर्ट दी कि उसकी पत्नी मोतीदेवी डिलीवरी के बाद से ही डिप्रेशन में थी। मानसिक तनाव के चलते रात को बच्चों सहित कुएं में कूद गई। इसमें चारों बच्चों की मौत हो गई। एसपी चूनाराम जाट और एएसपी वैभव शर्मा भी मौके पर पहुंचे और घटना की जानकारी ली। इसके बाद आईजी रूपेन्द्रसिंह सिंह भी पीसांगन अस्पताल पहुंचे।
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