बेगूसरायः ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन (AISF) की बिहार राज्य परिषद की बैठक शनिवार को जीडी कॉलेज के दिनकर सभागार में प्रदेश उपाध्यक्ष रजनीकांत यादव की अध्यक्षता में हुई। जिसमें राज्य के विभिन्न जिलों से आए एआईएसएफ नेताओं ने संगठनात्मक कार्यक्रमों की समीक्षा की और आगामी राज्य और राष्ट्रीय सम्मेलन की तैयारियों पर चर्चा की। बैठक की समाप्ति के बाद संगठन के राज्य परिषद के बैनर तले बिहार शिक्षक नियमावली के खिलाफ विरोध मार्च निकालकर आक्रोश व्यक्त किया गया।
सरकार की तैयारियों पर उठाया सवाल
एआईएसएफ के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव विजेंद्र केशरी ने कहा कि जब से शिक्षक बहाली का विज्ञापन निकला है। तब से अधिसूचना में आठ बार संशोधन किया जा चुका है। कभी किसी बात को लेकर तो कभी किसी बात को लेकर सरकार के शिक्षा विभाग और बीपीएससी की ओर से एक नया आदेश आ रहा है। यह सरकार की तैयारियों पर सवालिया निशान है।
संगठन के प्रदेश अध्यक्ष अमीन हमजा ने कहा कि कुछ ही ऐसे राज्य हैं, जहां दूसरे राज्यों के लोग भी बहाली में शामिल हैं। फिर बिहार में ऐसा क्या हुआ कि पूरे देश से लोगों को बुलाना पड़ा। बिहार के युवा राज्य के बाहर तो अपमानित होते ही हैं, अब बिहार में भी अपमानित होंगे। सरकार को एक बार फिर इस फैसले पर विचार करना चाहिए। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बिहार के युवाओं के भविष्य के बारे में सोचना चाहिए।
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बताया बिहार के अभ्यर्थियों का अपमान
प्रदेश उपाध्यक्ष रजनीकांत यादव ने कहा कि शिक्षा मंत्री कहते हैं कि विज्ञान, अंग्रेजी और गणित में अच्छे और गुणवत्तापूर्ण शिक्षक होने चाहिए। इसीलिए देशभर के लोगों को फॉर्म भरने की इजाजत दी गई है। शिक्षा विभाग को बीपीएससी पर भरोसा नहीं है। जो BPSC से परीक्षा पास करेगा वह अनपढ़ तो नहीं होगा? अगर बिहार चाणक्य और आर्यभट्ट को जन्म दे सकता है तो बिहार के लोग शिक्षक क्यों नहीं बन सकते, यह पूरी तरह से बिहार के अभ्यर्थियों का अपमान है। उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।
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