प्रदेश Featured दिल्ली

एयर फोर्स को सौंपा गया ये एयरपोर्ट, नागरिक उड़ानें भी रहेंगी जारी

airport-handed-over-to-the-air-force   नई दिल्ली: सामरिक रूप से महत्वपूर्ण पिथौरागढ़ के उत्तराखंड में चीन और नेपाल सीमा के पास स्थित नैनी सैनी हवाईअड्डे को भारतीय वायुसेना के कब्जे में लेकर विकसित किया जाएगा। वायुसेना के नियंत्रण में आने के बाद इस हवाईअड्डे से नागरिक और सैन्य दोनों तरह की उड़ानें संचालित होंगी। राज्य सरकार से हरी झंडी मिलने के बाद वायुसेना के आला अधिकारियों ने हवाईअड्डे का निरीक्षण किया और इसे अपने नियंत्रण में लेने की कवायद शुरू कर दी। नेपाल की सीमा से सटे पिथौरागढ़ जिले में नैनी सैनी हवाईअड्डा सामरिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है। चीन सीमा से सटे होने के कारण भारतीय वायु सेना के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण नैनी सैनी हवाई अड्डे का महत्व बढ़ गया है। हवाई अड्डे का उपयोग वर्तमान में वायु सेना द्वारा यात्री उड़ानों के साथ किया जाता है। कार्यभार संभालने के बाद हवाईअड्डे के संचालन और रखरखाव की जिम्मेदारी भारतीय वायुसेना की होगी। सीमावर्ती जिलों के लोगों को भी नियमित उड़ानों का लाभ मिलेगा। सामरिक महत्व का एयरपोर्ट होने के कारण भविष्य में यहां हवाई पट्टी का भी विस्तार किया जाएगा। इसके बाद यहां से लगभग विमान भी उड़ान भर सकेंगे। नैनी सैनी में हवाई पट्टी का निर्माण वर्ष 1991 में पूरा हुआ था। यहां का रनवे केवल व्यावसायिक उड़ानों के लिए था। इस पर 65 करोड़ से 1600 मीटर लंबा और 60 मीटर चौड़ा रनवे बनाया गया था। नौ सीटर विमान की ट्रायल लैंडिंग नवंबर 2015 में की गई थी। 26 जनवरी 2016 से नियमित उड़ानें शुरू करने का प्रयास किया गया था, लेकिन कई कमियों के कारण उड़ान शुरू नहीं हो सकी। वर्ष 2018 में डीजीसीए ने निरीक्षण कर हरी झंडी दी थी, तब एयर ट्रैफिक कंट्रोल, फायर ब्रिगेड सहित सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत कर टर्मिनल भवन में टिकट बुकिंग काउंटर स्थापित किया गया था। इसके बाद पहली व्यावसायिक उड़ान 17 जनवरी 2019 को शुरू हुई। नैनी सैनी हवाई अड्डे से देहरादून और पंतनगर के लिए नियमित उड़ानें शुरू होने के बाद 11 अक्टूबर 2019 को गाजियाबाद में हिंडन के लिए सीधी उड़ानें शुरू हुईं। मार्च, 2020 में विमान के रनवे से फिसल जाने के बाद आम जनता के लिए इस रनवे पर कोई भी विमान नहीं उतरा है। वायुसेना के अधिकारियों ने एयरपोर्ट को टेकओवर करने के लिए उत्तराखंड सरकार को प्रस्ताव भेजा था। कुछ दिन पहले भारतीय वायुसेना के शीर्ष अधिकारियों ने एयरपोर्ट का निरीक्षण किया और इसे अपने नियंत्रण में लेने की कवायद शुरू की। उत्तराखंड के मुख्य सचिव एसएस संधू ने बताया कि वायुसेना ने अपने नियंत्रण वाले इस हवाईअड्डे को संचालित करने का प्रस्ताव राज्य सरकार को दिया था, जिसे मंजूर कर लिया गया है। अभी तक इसका संचालन राज्य नागरिक उड्डयन विभाग करता था। चीन सीमा से सटे होने के कारण भारतीय वायुसेना के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण नैनी सैनी हवाईअड्डे का महत्व बढ़ गया है। वायुसेना पहले से ही चंडीगढ़ और प्रयागराज समेत कई अन्य हवाईअड्डों का संचालन करती है। अब पिथौरागढ़ सीमावर्ती जिले के नैनी सैनी स्थित एयरपोर्ट का संचालन वायुसेना करेगी। वायुसेना द्वारा हवाईअड्डे को अपने कब्जे में लेने के बाद यहां से सैन्य और असैन्य उड़ानें एक साथ संचालित होंगी। (अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)