नई दिल्लीः ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (एआईएमटीसी) ने डीजल के दाम में हो रही वृद्धि पर लगाम लगाने के लिए उत्पाद शुल्क और वैट में कटौती समेत अन्य मांगों को लेकर सरकार को 14 दिन का नोटिस देने का फैसला लिया है। एआईएमटीसी ने रविवार को एक बयान में कहा कि इस अवधि के दौरान अगर उनकी मांगों को पूरा करने की दिशा में कोई पहल नहीं होगी तो देशभर में ट्रकों का चक्का जाम हो सकता है। एआईएमटीसी की गवर्निग काउंसिल की बैठक में इस बावत का फैसला लिया गया है। एआईएमटीसी के अध्यक्ष कुलतारण सिंह अटवाल ने अपने बयान में कहा कि सड़क परिवहन बिरादरी ने परिवहन क्षेत्र के प्रति सरकार की उदासीनता पर अपनी नाराजगी जताई है, क्योंकि डीजल की बढ़ती कीमतों के कारण महंगाई से आम आदमी की कमर टूट गई है और ट्रांसपोर्ट ऑपरेटर्स अपना व्यवसाय बंद करने के लिए मजबूर हैं।
देशभर से आए परिवहन नेताओं ने विरोध प्रदर्शन द्वारा एवं अनिश्चितकालीन राष्ट्रव्यापी सड़क परिवहन परिचालन के निलंबन के लिए प्रस्ताव को पारित करने पर जोर दिया, ताकि सरकार उनके गंभीर मुद्दों के प्रति जागे और उन्हें हल करने के लिए तत्काल कदम उठाए। एआईएमटीसी ने बताया कि बैठक में विचार-विमर्श के बाद विभिन्न मांगों को लेकर सरकार को 14 दिन का नोटिस जारी करने का निर्णय लिया। ये मांग इस प्रकार हैं :
- केंद्रीय एक्साइज ड्यूटी में कटौती और राज्यों को डीजल पर वैट कम करने की सलाह देकर दाम में तत्काल कमी करना।
- देशभर में डीजल की कीमतों में एकरूपता और कीमतों में त्रेमासिक संशोधन।
- ई-वे बिल और जीएसटी से संबंधित मुद्दों का तत्काल समाधान।
- स्कै्रपिंग नीति के रोल-आउट से पहले परिवहन बिरादरी के साथ पर चर्चा।
- टीडीएस को निरस्त करना और प्रकल्पित कर का युक्तिकरण, जिस पर पहले से सहमति है पर ये काफी समय से लंबित हैं।
बैठक में यह निर्णय लिया गया कि यदि सरकार सड़क परिवहन उद्योग की मांगों को हल करने की प्रक्रिया शुरू करने में विफल रहती है, तो तुरंत एआईएमटीसी की गवर्निग काउंसिल की एक और बैठक बुलाई जाएगी और वे ट्रकों की देशव्यापी हड़ताल की घोषणा करेंगे।