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मस्जिद न खोलने पर AIMIM के सांसद ने सड़क पर नमाज पढ़ने की दी धमकी

 

मुंबई: देश में वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से संक्रमण के मामले तेजी बढ़ रहे हैं। कोरोना के चलते घोषित लॉकडाउन में मंदिर से लेकर मस्जिद तक सभी धार्मिक स्थल बंद हैं। इसी बीच धार्मिक स्थलों के बंद होने पर असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM के सांसद इम्तियाज जलील ने सड़क पर नमाज पढ़ने की धमकी दी है। बता दें, इसके पहले मंदिरों को खोलने की मांग को लेकर कई हिन्दू संगठनों ने भी शनिवार को “घंटानाद आंदोलन” करने का ऐलान किया है।

AIMIM सांसद इम्तियाज जलील ने कहा, 'जब व्यवसाय, कारखाने, बाजार- हाइवे खोले गए हैं, यहां तक ​​कि बसें, ट्रेन और उड़ानें भी संचालित हो रही हैं, तो सरकार ने धार्मिक स्थल क्यों बंद किया है। राजस्व के लिए शराब की दुकानें भी खोल दी गई और सीमित लोग शादी-विवाह में शामिल हो सकते हैं। केवल धार्मिक स्थानों को क्यों बंद किया गया है।'

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इम्तियाज जलील ने कहा, 'हम आखिर कब तक इंतजार करेंगे? मैं उन तमाम हिंदुओं से अनुरोध करना चाहता हूं कि वह तमाम मंदिर और पूजा स्थल खुलवाने में लग जाएं। हम दो सितंबर को राज्य में स्थित तमाम मस्जिदों को खुलवाने का आह्वान करेंगे। सरकार अगर इजाजत दे तो ठीक नहीं तो हम सड़क पर नमाज़ पढ़ेंगे।'

वहीं AIMIM सांसद इम्तियाज जलील की धमकी पर बीजेपी नेता और पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव के बेटे एनवी सुभाष ने कहा कि AIMIM द्वारा दिया गया अल्टीमेटम हास्यास्पद' है। देश में कोरोना का कहर जारी है और राज्यों में अनलॉकिंग की प्रक्रिया चरणवार तरीके से चल रही है। बीजेपी नेता एनवी सुभाष ने कहा कि एक सांसद होने के नाते एमआईएम नेता को मुसलमानों को उकसाना नहीं चाहिए। अभी राष्ट्र को सामान्य स्थिति में आना बाकी है। महाराष्ट्र में कोरोना के सबसे अधिक मामले हैं। बीजेपी नेता ने सांसद के खिलाफ मामला दर्ज करने की भी मांग की है।

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आपको बता दें, महाराष्ट्र में कई हिन्दू संगठनों ने भी मंदिरों को खोलने की मांग को लेकर शनिवार को “घंटानाद आंदोलन” करने का ऐलान किया है। मुंबई के वडाला स्तिथ प्रतिपंढरपुर विठ्ठल-रुक्मिणी मंदिर से राम मंदिर तक चैन बनाकर घंटानाद आंदोलन किया जाएगा। यह निर्णय महाराष्ट्र के प्रमुख धार्मिक-अध्यात्मिक संगठनों, संस्था, प्रमुख देवस्थानों के अध्यक्ष, ट्रस्टी और विविध पंथ-संप्रदाय के प्रमुख धर्माचार्यों ने एकमत से लिया है।

भाजपा एमएलसी प्रसाद लाड ने कहा, संतों की भूमि महाराष्ट्र में मॉल, मांस, मदिरा चालू है, लेकिन मंदिर व देवस्थान बंद हैं। ‘पुनश्च हरि ओम’ का नाम लेकर सभी कारोबार शुरू हो गए, लेकिन ‘हरि’ को लॉक करके रखा गया है। इससे भी बुरी बात दारू पीने वाले आनंदित होकर घूम रहे हैं। दूसरी ओर भजन-पूजन करने वाले भक्तों पर अपराध दर्ज करके उन्हें गिरफ्तार किया जा रहा है। आस्था के साथ तीर्थस्थान और प्रमुख मंदिरों के परिसर में असंख्य लोगों की उपजीविका भी चलती है। तीर्थस्थल और मंदिर बंद होने से कई लोगों की रोजी-रोटी बंद है।