चेन्नई : विजिलेंस एंड एंटी करप्शन डिपार्टमेंट (डीवीएसी) ब्यूरो शुक्रवार सुबह से अन्नाद्रमुक के पूर्व विधायक के.पी.पी. भास्कर के 26 परिसरों पर छापेमारी कर रही है। पूर्व विधायक अन्नाद्रमुक के अंतरिम महासचिव और तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री के. पलानीस्वामी के करीबी सहयोगी हैं। सूत्रों ने बताया कि विधायक और उनकी पत्नी से जुड़े ठिकानों पर छापेमारी की जा रही है। डीवीएसी ने पूर्व विधायक की संपत्तियों पर एक अध्ययन किया था, जिसमें पाया गया कि 2016 से 2021 की अवधि के दौरान उनकी संपत्ति में कई गुना वृद्धि हुई थी।
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भास्कर 2011 से 2021 तक तमिलनाडु के नमक्कल से विधायक थे। डीवीएसी ने अपनी एफआईआर में कहा, प्रथम आरोपी के.पी.पी. भास्कर नमक्कल जिले के रहने वाले हैं। दूसरी आरोपी टीएमटी बी. उमा, उनकी पत्नी है और उनकी तीन बेटियां हैं। जिनके नाम सेल्वी बी रागवर्तिनी, सेल्वी बी. योगवर्तिनी और सेल्वी बी. जयवाणी है। केपीपी भास्कर 2011 से 2021 तक नमक्कल विधान सभा क्षेत्र से विधायक थे।
एफआईआर में आगे कहा गया, उस अवधि के दौरान, वह भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की यू/एस धारा 2 (सी) द्वारा परिभाषित एक जनता के सेवक थे। 2011 से पहले वह ट्रांसपोर्ट का बिजनेस कर रहे थे और उनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी। पहले आरोपी ने 2016 से 2021 के बीच अवैध रूप से अपने और अपने परिवार के नाम पर धन जुटाए थे। बैंक खाते के विवरण और पंजीकरण दस्तावेजों से आरोपी की चल और अचल संपत्तियों के बारे में पता चला। जब से द्रमुक सरकार एम.के. स्टालिन ने मई 2021 में तमिलनाडु में पदभार ग्रहण किया है, तब से डीवीएसी कई पूर्व मंत्रियों समेत अन्नाद्रमुक के कई वरिष्ठ नेताओं के परिसरों पर छापेमारी कर रही है।
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