यूपी एटीएस की पूछताछ में अहमद रजा खोलेगा कई राज

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लखनऊ:  मुरादाबाद से गिरफ्तार संदिग्ध आतंकी अहमद रजा से एटीएस अपनी रिमांड में लेकर पूछताछ कर रही है। शुरूआती जांच में पाया गया था कि अहमद रजा के तार आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिद्दीन से जुड़े हैं। अहमद रजा को एटीएस 14 दिन के लिए अपनी रिमांड में रखेगी। माना जा रहा है कि एटीएस की कस्टडी में अहमद आतंकियों के कई अहम राज से पर्दा उठा सकता है।

रिमांड के दौरान यूपी एटीएस रजा को सहारनपुर, मुरादाबाद, जम्मू कश्मीर भी ले जाएगी। कोशिश होगी कि उससे मुरादाबाद में छिपाई पिस्टल की बरामदगी की जाए। मालूम हो कि रजा से हिजबुल, पीर पंजाल से जुड़े आतंकियों को लेकर भी पूछताछ की जाएगी। इस दौरान कई खुलासे होने के कयास लगाए जा रहे हैं।

इससे पहले शुक्रवार को यूपी एटीएस ने रजा के मंसूबों को जानने के लिए एनआईए कोर्ट से अहमद रजा की पुलिस रिमांड मांगी थी। एटीएस को कोर्ट ने उसकी 14 दिन की पुलिस रिमांड मंजूरी दे दी। इसके बाद एटीएस उसे यूपी एटीएस मुख्यालय ले गई और वहां उससे पूछताछ शुरू की। एटीएस को शक है कि, अहमद रजा स्वतंत्रता दिवस के मौके पर आतंकी वारदात को अंजाम देने के मंसूबे पाले बैठा था। ऐसे में रिमांड के दौरान एटीएस उसकी हर नापाक साजिश का पता लगाने की कोषिष करेगी। इसके साथ ही उसका यहां कौन कौन साथ दे रहा था इसकी जानकारी भी एटीएस अहमद से लेगी। गिरफ्तारी के बाद अहमद ने यूपी एटीएस के सामने कई राज उगले हैं। वो भारत सरकार को हटाकर शरिया कानून लाने को अपनी जिन्दगी का मकसद बना लिया था।

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कुमार ने कहा, इनपुट्स में कहा गया है कि रजा सोशल मीडिया के माध्यम से पाकिस्तान स्थित आतंकवादी आकाओं के संपर्क में था और आतंकवादी कमांडो प्रशिक्षण लेने के लिए पाकिस्तान के रास्ते अफगानिस्तान जाने की योजना बना रहा था। इसके बाद एटीएस टीम ने रजा को लखनऊ में एटीएस मुख्यालय में बुलाया और उसका परिचय पत्र और मोबाइल फोन की जांच की, जिसमें हथियारों की तस्वीरें, चौट और जिहादी वीडियो थे। एटीएस ने कहा कि रजा कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे सका और उसने हिजबुल मुजाहिद्दीन से संपर्क की बात कबूल कर ली। एटीएस ने कहा कि रजा पाकिस्तान और अफगानिस्तान में लड़ रहे विभिन्न जिहादी संगठनों से प्रभावित था।

एटीएस ने दावा किया कि रजा हिज्बुल मुजाहिदीन (एचएम) के फिरदौस नामक आतंकवादी के साथ लगातार संपर्क में था। एटीएस ने दावा किया कि फिरदौस को भारत में अपने ग्रुप को मजबूत करने और अधिक युवाओं को आकर्षित कर उन्हें भारत के खिलाफ जिहाद के लिए प्रोत्साहित करने का काम दिया गया था। एटीएस ने दावा किया कि रजा हिज्बुल मुजाहिदीन (एचएम) के फिरदौस नामक आतंकवादी के साथ लगातार संपर्क में था।

एटीएस ने दावा किया कि रजा ने सोशल मीडिया पर जिहादी वीडियो पोस्ट किए, इस तरह वह सोशल मीडिया के माध्यम से हिजबुल मुजाहिदीन के संपर्क में आया। एटीएस ने कहा कि हथियारों के प्रशिक्षण के लिए व अपने आका फिरदौस से निर्देश लेने के लिए रजा दो बार जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर, अनंतनाग गया था। एटीएस की माने तो फिरदौस को भारत में अपने संगठन को मजबूत करने और अधिक युवाओं को अपनी बातों में फंसाकर उन्हें भारत के खिलाफ जिहाद के लिए प्रोत्साहित करने का काम दिया गया था। एटीएस ने यहां तक दावा किया कि आतंकी बनने के लिए वह अफगानिस्तान जाकर बद्री 313 बटालियन का कमांडो बनना चाहता था। एटीएस के एक अधिकारी ने कहा, बद्री 313 बटालियन तालिबान की एक इकाई है। यूनिट का नाम हक्कानी नेटवर्क के साथ निकटता से जुड़ा हुआ है, जिसने कथित तौर पर उन्हें प्रशिक्षण प्रदान किया है।

एटीएस ने रजा से पूछताछ के आधार पर कहा, ष्रजा ने कबूल किया कि वह भारत के संविधान और सरकार में विश्वास नहीं करता है और मानता है कि देश में शरिया कानून लागू होना चाहिए। एक एफएसएल इकाई रजा के पास से जब्त मोबाइल फोन से डेटा निकालेगी। अधिकारियों ने बताया कि यूपी एटीएस जम्मू-कश्मीर की फिरदौस की भी पहचान कर उसे गिरफ्तार करने का प्रयास करेगी।

रिपोर्ट-पवन सिंह चौहान