काठमांडूः नेपाल के सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए कहा है कि इस्लामिक समुदाय में तीन तलाक की प्रथा को मान्यता नहीं दी जा सकती। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि नेपाल के मौजूदा कानूनों के मुताबिक, तलाक के अलावा अन्य प्रथागत और समुदाय-विशिष्ट व्यवस्थाओं को स्वीकार नहीं किया जा सकता है। कोर्ट ने साफ शब्दों में कहा कि इस्लामिक शरिया कानून के मुताबिक तलाक महिलाओं के साथ अन्याय है।
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस टैंक बहादुर मोक्तन और हरि प्रसाद फुयाल की संयुक्त पीठ द्वारा दिए गए फैसले में कहा गया कि नेपाल में इस्लामिक मान्यता के अनुसार दिए गए तलाक के आधार पर दूसरी शादी करने की छूट नहीं है। कोर्ट ने कहा है कि सभी धर्मों और धार्मिक मान्यताओं को मानने वाले पुरुषों पर समान कानून लागू होने चाहिए।
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