नई दिल्लीः हिंदू धर्म में किसी भी शुभ कार्य करने से पहले सिर ढकने की परंपरा है। यह परंपरा केवल महिलाओं के लिए ही नहीं पुरूषों के लिए भी है। वह भी किसी धार्मिक अनुष्ठान या शुभ कार्य करते समय रूमाल रखकर सिर ढकते हैं। इतना ही हिंदू मान्यताओं के अनुसार महिलाएं जब किसी का पैर भी छूती हैं तो उन्हें अपने सिर को साड़ी या दुपट्टे ढकना होता हैं। आखिर क्यों पूजा या किसी भी शुभ कार्य से पूर्व सिर ढका जाता है। आइए जानते हैं इसे पीछे की धार्मिक मान्यता।
पूजा के समय सिर ढकने का कारण
हिंदू शास्त्रों के अनुसार पूजा के समय सिर ढकना सम्मान का प्रतीक माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि जिस तरह घर में बड़े-बुजुर्गो के सामने महिलाएं सिर पर आंचल रखकर उनका सम्मान बढ़ाती हैं। उसी तरह भगवान के समक्ष आदर भाव के साथ सिर ढका जाता है।
ऐसा माना जाता है कि पूजा के लिए मंदिर जाते समय हमारे आसपास कई नकारात्मक शक्तियां विचरण करती रहती हैं और यह नकारात्मक ऊर्जा बालों के जरिए हमें अपनी तरफ खींचती हैं। इसलिए पूजा के समय सिर को ढका जाता है जिससे पूजा के समय मन में सकारात्मक ऊर्जा का वास हो सके।
हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार, पूजा या धार्मिक अनुष्ठान के वक्त सिर ढकने से मन एकाग्र होता है और पूरा ध्यान पूजा पर रहता है। क्योंकि मनुष्य का मन बेहद चंचल होता है। एकाग्र भाव से पूजन करने से भाग्योदय होता है।
पूजा के समय सिर ढकने का वैज्ञानिक कारण यह भी है कि सिर ढककर हवन में बैठने से आग की लपटों से शरीर का तापमान नियंत्रण में रहता है और शरीर में ज्यादा गर्मी नहीं लगती। क्योंकि आग की गर्म लपटों की वजह से बाल गर्म हो जाते है जिससे शरीर में ज्यादा गर्मी लगने लगती है।
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ऐसा कहा जाता है कि आकाश से कई तरह की तरंगे निकलती रहती हैं। ऐसे में यदि पूजा के वक्त सिर खुला रहता है तो यह आकाशीय विद्युत तरंगे सीधे व्यक्ति के शरीर में प्रवेश कर जाती हैं, जिससे कई तरह की शारीरिक समस्याएं हो सकती हैं।
हिंदू धर्म मान्यताओं के अनुसार धार्मिक अनुष्ठान में काला रंग वर्जित माना गया है। क्योंकि यह नकारात्मकता का प्रतीक होता है। क्योंकि हमारे बाल काले रंग के होते हैं। ऐसे में यह पूजा के मार्ग में विघ्न उत्पन्न करते हैं। इसलिए पूजा के समय सिर को पूरी तरह से ढका जाता है।
पूजन के वक्त सिर ढकने की एक वजह यह भी है कि कई लोगों को बाल झड़ने या डैंड्रफ की समस्या होती है। ऐसे में पूजन सामग्री ने बाल या डैंड्रफ न गिरे इसलिए सिर ढका जाता है वरना पूजन सामग्री अशुद्ध हो जाएगी।
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