उज्जैनः देश के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक श्री महाकालेश्वर मंदिर में करीब डेढ़ वर्ष के बाद शनिवार सुबह से भक्तों को फिर से भस्म आरती में प्रवेश मिलना शुरू हो गया। कोरोना संकट के कारण मार्च 2020 से ही भस्म आरती में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक लगा दी गई थी।
शनिवार सुबह बड़ी संख्या में श्रद्धालु महाकाल मंदिर पहुंचे और भगवान की भस्म आरती के दर्शन किए। महाकाल की भस्म आरती का अपना महत्व है, लेकिन कोरोना संकट के शुरू होते ही गत वर्ष मार्च माह में इस पर रोक लगा दी गई थी। बीते दिनों मंदिर प्रबंध समिति ने भस्म आरती के दर्शन पर लगी रोक हटाने और दर्शनार्थियों को मंदिर में प्रवेश की अनुमति देने का निर्णय लिया था।
भस्म आरती को लेकर श्रद्धालुओं के उत्साह का अनुमान इस बात से लगाया जा सकता है कि पहले दिन शनिवार के लिए शुक्रवार दोपहर में ही बुकिंग फुल हो गई थी। मंदिर समिति ने इसके लिए 100 रुपये का शुल्क निर्धारित किया था। बुकिंग कराने वाले श्रद्धालु शनिवार सुबह महाकाल मंदिर पहुंचे और भस्म आरती में शामिल हुए।
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मंदिर प्रबंधन के मुताबिक 50 प्रतिशत क्षमता के साथ श्रद्धालुओं को प्रवेश दिया गया है। किसी भी श्रद्धालु को गर्भ गृह में जाकर जल चढ़ाने की अनुमति नहीं दी गई। गणेश मंडपम् और कार्तिकेय मंडपम् से ही श्रद्धालु भस्म आरती में शामिल हुए।
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