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मुआवजे के लिए 30 साल से इंतजार कर रहे अन्नदाता, राष्ट्रीय राजमार्ग के लिए दी थी जमीन

मुंबई: पालघर में राष्ट्रीय राजमार्ग के लिए अधिग्रहित की गई आठ किसानों की जमीन का मुआवजा उन्हे आज तक नही मिल सका है। कुछ मिला है तो सिर्फ सरकारी आश्वाशन। जिससे मुआवजे की आस में एक पीढ़ी गुजर गई और दूसरी पीढ़ी के लोग भी सरकारी अधिकारियों की चौखट का चक्कर काट रहे हैं।

मुंबई अहमदाबाद राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण 1962 के आसपास दो-लेन की सड़क के रूप में किया गया था, और 1995 के आस पास इसे चार-लेन की सड़क में अपग्रेड किया गया था और इसके बाद हाईवे को छह-लेन का किया गया था। इसी दौरान वसई, पालघर, दहानू, तलासरी में हाईवे के लिए लगने वाली किसानों की अतिरिक्त भूमि का अधिग्रहण तो कर लिया गया लेकिन कई किसानों को आज तक उसका मुआवजा नही मिला। किसानों और विभिन्न संगठनों द्वारा आवाज उठाने के बाद, कानूनी प्रक्रिया शुरू की गई, लेकिन अभी भी पालघर तालुका के कई किसानों को उनकी जमीन का भुगतान नहीं किया गया है। पालघर तालुका के किसान परेशान हैं क्योंकि उन्हें मुंबई-अहमदाबाद राजमार्ग के लिए अधिग्रहित भूमि का मुआवजा नहीं मिला है। फोर लेन हाईवे के लिए भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया के दौरान प्रशासन द्वारा की गई गलतियों का खामियाजा इन किसानों को भुगतना पड़ रहा है।

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सातीवली और हलोली गांव के आठ किसानों को तीस साल बाद भी भुगतान नहीं मिला है। तीन साल पहले एमएमआरडीए ने हाईवे के रिजर्व एरिया (एआरओडब्ल्यू) में वाटर चैनल के लिए खुदाई शुरू की थी। किसानों ने जब इस कार्य का विरोध किया तो उन पर केस दर्ज कर उन्हे जेल भेज दिया गया। जिसके बाद किसानों ने व्यापक स्तर पर विरोध प्रदर्शन किया। जनवरी 2018 में तत्कालीन जिला कलेक्टर ने बैठक कर नई भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया लागू कर किसानों को बेहतर मुआवजा देने का आदेश दिया था। इसके बाद भी किसान तीन साल से भुगतान का इंतजार कर रहे हैं। लेकिन, उन्हें आश्वाशन छोड़कर कुछ और मिलता नही दिख रहा।

आदिवासी पुनर्वसन आंदोलन के सदस्य अविनाश पाटील ने बताया कि राष्ट्रीय राजमार्ग के लिए किए गए भूमिअधिग्रह के कार्य में कई तरह की खामियां थीं। राजस्व विभाग और राजमार्ग प्राधिकरण की गलत नीतियों और गलत निर्णयों और क्रियान्वयन से किसान प्रभावित हुए हैं। बीते कई सालों से किसान मुआवजे के लिए सरकारी कार्यालयों के चक्कर लगाने को मजबूर हैं। जल्द से जल्द किसानों में मुआवजे की राशि का भुगतान किया जाए।

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