काबुल: तालिबान को कड़ी टक्कर देने वाले अहमद मसूद अभी भी अफगानिस्तान में मौजूद है। हालांकि, पंजशीर के 70 फीसदी क्षेत्र पर पाकिस्तान की मदद से तालिबान कब्जा कर चुका है। सूत्रों के अनुसार अहमद मसूद के तुर्की या किसी और देश भागने की अफवाहें झूठी हैं। मसूद अफगानिस्तान में किसी सुरक्षित ठिकाने पर मौजूद है।
तालिबान पिछले एक सप्ताह से पंजशीर प्रांत पर कब्जा करने का दाव कर रहा है, लेकिन वहां की नेशनल रेजिस्टेंस फ्रंट यानी एनआरएफ इस दावे को खारिज कर रही है। एनआरएफ का नेतृत्व अहमद मसूद और पूर्व अफगान उपराष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह कर रहे हैं। सालेह ने खुद को अफगानिस्तान का केयरटेकर राष्ट्रपति भी घोषित किया था।
15 अगस्त को राजधानी काबुल पर कब्जे के बाद से तालिबान ने पूरे अफगानिस्तान पर नियंत्रण का ऐलान कर दिया था। हालांकि, पंजशीर घाटी पर अब तक उसका नियंत्रण नहीं हो सका था। वहीं, एनआरएफ का कहना था कि अभी भी वह पंजशीर के अहम इलाकों में मौजूद है और उनकी जंग जारी रहेगी। मसूद के करीबी कासिम मोहम्मदी के हवाले से मिल रही जानकारी के अनुसार तालिबान पंजशीर में घुसा है और अब 70 फीसदी मुख्य सड़कों पर उसका कब्जा है, लेकिन पंजशीर घाटी अब भी पूरी तरह विद्रोही बलों के नियंत्रण में है।
ताजिकिस्तान में अपदस्थ अफगान सरकार के राजदूत ने भी यह कहा था कि अहमद मसूद और अमरुल्लाह सालेह अफगानिस्तान से भागे नहीं है और उनकी सेना अभी भी तालिबान से लोहा ले रही है। राजदूत जाहिर अगबर ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा था कि वह सालेह से लगातार संपर्क में हैं और सुरक्षा कारणों की वजह से वे और रेजिस्टेंस लीडर्स किसी तरह के संवाद से दूर हैं। इस बीच अमरुल्लाह सालेह के भतीजे ने शनिवार को बताया कि तालिबान ने सालेह के भाई रोहुल्लाह सालेह अजीजी और उनके ड्राइवर को एक चेकपॉइंट पर गोलियों से मार डाला।