Home उत्तर प्रदेश पीजीआई में स्थापित किया जाएगा एडवांस्ड मधुमेह केंद्र

पीजीआई में स्थापित किया जाएगा एडवांस्ड मधुमेह केंद्र

Patients wandering for MRI in Cancer Institute and PGI

लखनऊः मधुमेह देखभाल के लिए एक वन-स्टॉप सेंटर अगले साल यहां संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में चालू हो जाएगा। एडवांस्ड डायबिटिक सेंटर, जिसे सरकारी क्षेत्र में उत्तर भारत का पहला ऐसा केंद्र माना जाता है, का लक्ष्य एक ही छत के नीचे मधुमेह से संबंधित सभी उपचार सुविधाएं प्रदान करना है। विशेषज्ञों का मानना है कि कुछ मामलों में मधुमेह से पीड़ित रोगियों में आंखों, गुर्दे और पैरों से संबंधित समस्याएं भी विकसित हो जाती हैं।

24 करोड़ का आधुनिक उपकरण खरीदने का प्रस्ताव

ऐसे मरीजों को इलाज के लिए अलग-अलग विभागों के चक्कर लगाने पड़ते हैं लेकिन एडवांस्ड डायबिटिक सेंटर के निर्माण के बाद ऐसे मरीजों को डायबिटीज से संबंधित सभी इलाज एक ही छत के नीचे उपलब्ध होंगे। 24 करोड़ रुपए का आधुनिक उपकरण खरीदने का प्रस्ताव उत्तर प्रदेश सरकार को भेजा गया है। अधिकारियों ने कहा कि जल्द ही फैकल्टी और नर्सिंग स्टाफ की भर्ती का काम भी पूरा हो जाएगा और उम्मीद है कि यह केंद्र 2024 की शुरुआत में मरीजों के लिए काम करना शुरू कर देगा। केंद्र में मधुमेह, नेत्र एवं किडनी रोग के विशेषज्ञ उपलब्ध रहेंगे। इसके अलावा गंभीर मधुमेह से पीड़ित 40 मरीजों के लिए भी भर्ती की सुविधा उपलब्ध होगी। केंद्र नए साल में राज्य के लोगों के लिए एक उपहार होगा।

मिली जानकारी के अनुसार, पिछले एक साल में, मधुमेह से पीड़ित लगभग 25,000 मरीज संस्थान की ओपीडी में आए थे। इनमें से करीब 10,000 मरीज ऐसे थे, जिनकी डायबिटीज इतनी बिगड़ गई थी कि इसका असर उनकी आंखों पर दिखने लगा था और उन्हें नेत्र रोग विभाग में विशेषज्ञ के पास भेजना पड़ा था। करीब 5,000 मरीज ऐसे थे, जिनकी किडनी पर असर पड़ा और उन्हें नेफ्रोलॉजिस्ट से सलाह लेनी पड़ी।

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44 करोड़ की धनराशि स्वीकृत हुई

इसी तरह करीब 500-600 मरीज ऐसे थे, जिन्हें डायबिटिक के कारण पैर का इलाज कराना था। उत्तर प्रदेश सरकार के पिछले कार्यकाल में तत्कालीन चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना को मधुमेह रोगियों की समस्याओं से अवगत कराया गया था और भवन निर्माण के लिए लगभग 44 करोड़ रुपए की धनराशि स्वीकृत की गई थी। तब चिकित्सा शिक्ष मंत्री ने कहा था कि उत्तर प्रदेश के किसी भी मरीज को इलाज के लिए (राज्य से) बाहर जाने की जरूरत न पड़े। इतना बड़ा राज्य होने के कारण यहां के लोगों को अपने ही राज्य में सारी चिकित्सा सुविधाएं मिलनी चाहिए, इसीलिए सरकार ने लखनऊ एसजीपीजीआई में ही एडवांस्ड डायबिटिक सेंटर खोलने की मंजूरी दे दी।

पाठक ने कहा कि उन्नत मधुमेह केंद्र की इमारत तैयार है और उपकरण और संकाय आने वाले हैं। राज्य की आम जनता को नए साल में यह तोहफा मिलेगा। अस्पताल के निदेशक डॉ. आरके धीमान ने कहा कि एसजीपीजीआई लखनऊ में देश-विदेश से मरीज इलाज के लिए आते हैं। ऐसे में संस्थान में सेवाओं का विस्तार करने का निर्णय लिया गया है। यहां लगभग 50 करोड़ रुपए की लागत से एक उन्नत मधुमेह-नेत्र रोग केंद्र बनाया गया है।

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