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सावधान ! लखनऊ में लोगों की सेहत से हो रहा खिलवाड़, बाजारों में धड़ल्ले से बिक रहा मिलावटी देसी घी

लखनऊः राजधानी लखनऊ (Lucknow) में खुले बाजारों में शुद्ध देसी घी के नाम पर मिलावटी देसी घी धड़ल्ले से बेचा जा रहा है। होली के त्योहार से पहले मिठाई बेचने वाले दुकानदार बड़ी मात्रा में देसी घी खरीद रहे हैं। रेट कम होने के कारण दुकानदार भी ऐसे विक्रेताओं को पसंद कर रहे हैं। अन्य ब्रांड या शुद्ध देसी घी बेचने वाले लोगों के दाम अधिक होने के कारण दुकानदार उनसे दूरी बनाए रखते हैं।

एक रेस्टोरेंट मालिक ने जताई थी आपत्ति

राजधानी लखनऊ का आलमबाग इलाका बड़ा व्यापारिक क्षेत्र बन गया है। आलमबाग की मिठाई की दुकानों पर मिलावटी देसी घी कम दाम पर बेचा और खपाया जा रहा है। हाल ही में एक रेस्टोरेंट मालिक ने देसी घी के इस्तेमाल पर आपत्ति जताई थी और फिर इसे बेचने वाले व्यापारी से इसे खरीदना बंद कर दिया था। इसके बाद एक बड़ी दूध कंपनी से देसी घी खरीदकर रेस्टोरेंट मालिक अपनी दुकानों के लिए खाद्य सामग्री का निर्माण करा रहे हैं।

क्या कहना है व्यापारियों का

नाका इलाके में शुद्ध देसी घी बेचने वाले दीपक जैन ने बताया कि वह विभिन्न कंपनियों का देसी घी थोक में बेचने के अलावा खुद भी शुद्ध देसी घी बनाते हैं। उन्होंने खुर्जा का देसी घी बेचने के लिए अपना रेट तय कर लिया है। उनके देसी घी की गारंटी वो खुद हैं। बाजारों में बिकने वाले देसी घी में मिलावट होना आम बात है।

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आज प्रतिस्पर्धा के युग में मिलावटी सामग्री बेची जा रही है, ऐसे में देसी घी में मिलावट कोई बड़ी बात नहीं है। उन्होंने कहा कि बाजार में देसी घी के नाम पर मलाईदार घी और बिलोय के नाम पर रंगीन घी बेचा जा रहा है। जिसमें कोई पवित्रता नहीं है। दही और मक्खन से बने देसी घी में शुद्धता होती है और इसकी सुगंध ही आपको आकर्षित कर लेगी।

जानकीपुरम क्षेत्र में गाय पालने वाले और देसी घी बनाने वाले ओमप्रकाश ने बताया कि रिफाइंड तेल या कोई अन्य तेल मिलाकर देसी घी की मात्रा आसानी से बढ़ाई जा सकती है। होली या दिवाली पर देसी घी में मिलावट कर कम दाम पर बेचा जाता है। भारी मुनाफा कमाने के लिए खरीदार और विक्रेता दोनों ही देसी घी का व्यापार करते हैं।

उन्होंने बताया कि वह खुद बिलोय युक्त देसी घी बनाते हैं। जिसे बनाने में समय लगता है इसलिए पर्याप्त दूध से बना दही प्राप्त हो जाता है। मिलावटी देसी घी की पहचान करना है सबसे आसान, देसी घी की बढ़ती है चिकनाई इसे छूकर महसूस किया जा सकता है। देसी घी दूध से मलाई निकालकर भी बनाया जाता है और इसे शुद्ध देसी घी के रूप में भी बेचा जाता है। यह अभी भी देसी घी है। बाजार में मिलावटी के साथ-साथ नकली घी भी बेचा जा रहा है।

दूध कंपनियां आकर्षक ऑफर के साथ बेचती है अपना देसी घी

शहर में दूध कंपनियों नमस्ते इंडिया, अमूल, ज्ञान से आधा किलो, एक किलो और पांच किलो के पैकेट में देसी घी उपलब्ध है। ये दूध कंपनियां आकर्षक ऑफर के साथ अपना देसी घी बेचती हैं। शहर की सभी दुकानें और कंपनियों के स्टोर खुले हैं। जहां से बड़ी संख्या में लोग देसी घी खरीदते हैं। मिठाई दुकानदार भी अपने दैनिक उपयोग के लिए दूध कंपनियों के देसी घी पर निर्भर रहने लगे हैं।

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