Home फीचर्ड अधीर रंजन चौधरी बोले- सचिन और लता को सरकार ने किया गुमराह

अधीर रंजन चौधरी बोले- सचिन और लता को सरकार ने किया गुमराह

नई दिल्ली: लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि सचिन तेंदुलकर और लता मंगेशकर को किसान आंदोलन के मुद्दे पर गुमराह किया गया है। दोनों ने कुछ अंतरराष्ट्रीय हस्तियों की ओर से किए गए ट्वीट के बाद ट्वीट कर देश की एकजुटता को समर्थन दिया था।

अधीर रंजन चौधरी ने लोकसभा में कहा, “सचिन तेंदुलकर और लता मंगेशकर जैसी हस्तियों को गुमराह किया जा रहा है। क्या हमारा देश इतना कमजोर है कि विरोध करने वाले किसानों के पक्ष में बोलने के लिए एक 18 वर्षीय को दुश्मन माना जा रहा है।”

उल्लेखनीय है कि किसान आंदोलन का समर्थन करने वालों में पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थुनबर्ग भी थी। हालांकि अपने ट्वीट में ग्रेटा ने एक टूल किट साझा किया था। इस टूलकिट को दिल्ली पुलिस ने किसान आंदोलन को भड़काने की अंतरराष्ट्रीय साजिश का हिस्सा मानते हुए केस दर्ज किया है। विदेश मंत्रालय ने भी अंतरराष्ट्रीय हस्तियों के ट्वीट के बाद एकजुटता से जुड़े दो ट्वीटर हैशटेग शुरु किये थे जिनका देश की जानी मानी फिल्म और क्रिकेट से जुड़ी हस्तियों ने समर्थन किया था।

चौधरी ने लोकसभा में पूछा कि एक पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा सरकार के विरोध में चल रहे आंदोलन के पक्ष में बोलना कितना गलत है। भारत भी संयुक्त राष्ट्र में किसी अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाता रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने खुद अमेरिका जाकर ‘अबकी बार ट्रंप सरकार’ का नारा दिया। ‘क्या यह अपराध है अगर ग्रेटा दिल्ली के बारे में कुछ बोले? उसे जवाब देने के लिए विदेश मंत्रालय और मशहूर हस्तियों की क्या आवश्यकता थी?’

कांग्रेस नेता ने गृह मंत्री अमित शाह पर भी सवाल उठाए। उन्होंने पूछा कि सरकार ने लाल किले को तोड़-फोड़ की अनुमति कैसे दी। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के बारे में हमें खुफिया जानकारी होती है लेकिन देश में क्या योजना बनाई जा रही है इसके बारे में जानकारी नहीं होती। ऐसा इसलिये है कि सरकार ने ऐसा होने दिया।

चौधरी ने कहा कि प्रधानमंत्री के पास दुनिया भर के कई लोगों से बात करने का समय है लेकिन किसानों के लिए समय नहीं है। वह सभी सांसदों की ओर से प्रधानमंत्री से किसानों से बात करने की अपील करते हैं। उन्होंने कहा कि किसानों के मुद्दे पर स्वयं भाजपा के सांसद भी परेशान है लेकिन वह अपनी बात रखने से डरते हैं।

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