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अवसरों की कमी के चलते करियर पड़ा धीमा : अध्ययन सुमन ने बताई ये बात

Actor-Adhyayan-Suman

नई दिल्ली : एक्टर अध्ययन सुमन ने 2008 में 'हाल-ए-दिल' से बॉलीवुड में कदम रखा और 'राज-द मिस्ट्री कंटीन्यू' और 'जश्न' जैसी फिल्मों में एक्टिंग की। हालांकि, अवसरों की कमी के चलते उनका करियर बीच में धीमा हो गया। जिसके बाद 2009 में 'जश्न' के बाद, अध्ययन 'देहरादून डायरी', 'हार्टलेस' और 'लखनवी इश्क' जैसी अन्य फिल्मों में दिखाई दिए, जो दर्शकों के बीच अपनी पकड़ बनाने में असफल रहीं और बॉक्स-ऑफिस पर फ्लाप हो गई। 

बातचीत के दौरान एक्टर ने बताई ये बात 

 करियर की धीमी गति के बारे में बात करते हुए, एक्टर ने बताया कि, ''मुझे लगता है कि, मेरे लिए खुद के प्रति और अपने दर्शकों के प्रति ईमानदार रहना जरूरी है। निश्चित रूप से अवसरों की कमी है अन्यथा अगर यह मेरे ऊपर होता तो मैं हर दूसरे शो या फिल्म में काम कर रहा होता और देखा जाता।'' अब उन्हें अच्छे निर्देशकों के साथ काम करने और अच्छे किरदार निभाने की उम्मीद है।

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साथ ही एक्टर ने कहा, ''मैं बस एक अच्छा काम करने वाला एक्टर बनना चाहता हूं। मैं एक कलाकार के रूप में बहुत सम्मान चाहता हूं, मुझे लगता है कि, मैं इसी दिशा में काम कर रहा हूं।''एक्टर शेखर सुमन के बेटे अध्ययन को फिल्म निर्माता संजय लीला भंसाली से वह अवसर मिला, जिसकी उन्हें तलाश थी। एक्टर ने बताया कि, ''दिन के अंत में सीधे उस्ताद संजय लीला भंसाली से मिला। यह सम्मान की बात है, किसी पुरस्कार से कम नहीं, जिसकी मैंने कभी कल्पना भी नहीं की थी।'' बता दें, अध्ययन का कहना है कि, यह उनके लिए बहुत मायने रखता है और इससे उनमें आत्मविश्वास बढ़ा है। 

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