लखनऊः वर्ष 2022 में मंडलायुक्त की जांच में जय प्रकाश नारायण इंटरनेशनल सेन्टर (जेपीएन इंटरनेशनल सेन्टर) के आर्किटेक को दोषी पाये जाने के एक वर्ष बाद भी लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) ने उसके विरुद्ध कार्रवाई नहीं की। इस बाबत अपर मुख्य सचिव नितिन रमेश गोकर्ण ने एलडीए को कार्रवाई के लिए निर्देशित किया है। जिसको लेकर एलडीए में अधिकारियों ने बैठक कर आगे की कार्यवाही की तैयारी की है।
अपर मुख्य सचिव के निर्देश जारी होने के बाद एलडीए के उपाध्यक्ष डा.इन्द्रमणि त्रिपाठी ने जेपीएन इंटरनेशनल सेन्टर मामले को गम्भीरता से लिया है। उपाध्यक्ष ने सचिव सहित तमाम अधिकारियों से इस मामले की प्रगति रिर्पोट मांगी है। वहीं सचिव पवन गंगवार ने भी अधिकारियों के साथ जेपीएन इंटरनेशनल सेन्टर के बारे में पुरानी जानकारी और नये अपडेट को तैयार किया है। इसके बाद सम्पूर्ण मामले की समीक्षा कर एलडीए के अधिकारी आगे की कार्रवाई की तैयारी करेंगे। समाजवादी पार्टी की सरकार में बने जय प्रकाश नारायण इंटरनेशनल सेन्टर का सम्पूर्ण वास्तु को आर कॉम कंसलटेन्ट प्रावइेट लिमिटेड ने बनाया था।
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आर कॉम के आर्किटेक से बने बहुमंजिला इमारत को तैयार करने की राशि दोगुनी के ज्यादा हो गयी। तत्कालीन मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरुप बने जेपीएन इंटरनेशनल सेन्टर में बाद में हुई जांचों में कई प्रकार की खामियां भी पायी गयी। जय प्रकाश नारायण इंटरनेशनल सेन्टर के बनते समय एलडीए के उपाध्यक्ष सत्येन्द्र सिंह यादव थे। सत्येन्द्र सिंह की निगरानी में ही तीन सौ करोड़ रुपये के बजट वाले इंटरनेशनल सेन्टर के बजट को बढ़ाकर आठ सौ चौसठ करोड़ कर दिया गया। अप्रैल 2021 में तत्कालीन मंडलायुक्त रंजन कुमार ने सेन्टर और सत्येन्द्र सिंह के विरुद्ध जांच शुरु की थी।
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