राहुल की जनसभाओं में पायलट की अनदेखी से आचार्य प्रमोद कृष्णम खफा, बोले-नेता को मंच से उतार कैसे होगा किसानों का भला

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जयपुरः कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की 13 फरवरी को अजमेर जिले के रूपनगढ़ में हुई ट्रैक्टर रैली और सभा में पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट को मंच से उतारने के बाद राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी के नजदीकी माने जाने वाले आचार्य प्रमोद कृष्णम के ट्वीट से राजनीतिक सरगर्मियां परवान चढ़ने के आसार बन गए हैं। ये वही आचार्य प्रमोद कृष्णम हैं, जिन्होंने पिछले दिनों पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट को बयाना की किसान रैली को लेकर सोशल मीडिया पर ‘मुख्यमंत्री भवः’ का आशीर्वाद दिया था। अब प्रियंका गांधी के नजदीकी कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने सचिन पायलट को राहुल गांधी के मंच से उतारने पर सवाल उठाए हैं।

प्रमोद कृष्णम की टिप्पणी के बाद विवाद गहरा गया है। आचार्य प्रमोद कृष्णम ने ट्वीट करके सचिन पायलट को मंच से उतारने पर तल्ख तेवर दिखाए है। प्रमोद कृष्णम ने अपना ट्वीट राहुल गांधी, अशोक गहलोत और सचिन पायलट को टैग करते हुए लिखा कि किसानों की पंचायत में किसान नेता को मंच से उतार कर किसानों का भला कैसे हो पाएगा। सवाल सचिन पायलट की तौहीन और इज्जत का नहीं है, सवाल कांग्रेस के भविष्य का है। इस ट्वीट के बाद सचिन पायलट समर्थकों ने भी सोशल मीडिया पर नाराजगी जाहिर करना शुरू कर दिया है। पायलट समर्थक अनदेखी पर सवाल उठा रहे हैं। असल में, रूपनगढ़ में राहुल गांधी की ट्रैक्टर रैली के मंच पर शुरूआत में सचिन पायलट और कई नेता थे। राहुल गांधी के मंच पर आते ही मंच संचालन कर रहे विधायक रामलाल जाट और इसके बाद प्रदेश प्रभारी अजय माकन ने चार नेताओं को छोड़ अन्य नेताओं से नीचे बैठने को कह दिया।

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राहुल गांधी के साथ अशोक गहलोत, केसी वेणुगोपाल और गोविंद सिंह डोटासरा के अलावा बाकी नेताओं को मंच से नीचे उतरने की माइक से घोषणा कर दी गई। जिस समय यह घोषणा की जा रही थी, पायलट मंच पर थे। राहुल गांधी ने जैसे ही भाषण देना शुरू किया, पायलट और माकन ने आपस में बात की और दोनों ही मंच से नीचे उतर गए। इस घटना को ही सचिन पायलट को मंच से उतारने से जोडकर देखा जा रहा है। राहुल गांधी के दौरे में सचिन पायलट की अनदेखी पर अब उनके समर्थक सोशल मीडिया पर सवाल उठा रहे हैं। राहुल गांधी की दो सभाओं पदमपुर और मकराना में पायलट को बोलने का मौका मिला। जनसभाओं में मंच पर तो जगह मिली लेकिन राहुल के अगल-बगल की सीट पर जगह नहीं मिली। मकराना में भी राहुल गांधी के पास थोड़ी देर उन्हें तभी बैठने का मौका मिला, जब कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा भाषण देने चले गए थे।