जयपुरः गोपालन मंत्री जोराराम कुमावत ने गुरुवार को विधानसभा में आश्वस्त किया कि जैसलमेर जिले की गौशालाओं द्वारा फर्जी तरीके से अनुदान लेने की शिकायतों की शीघ्र ही भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) से जांच कराई जाएगी तथा दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। साथ ही ऐसी गौशालाओं से अनुदान राशि भी वसूल की जाएगी। गोपालन मंत्री प्रश्नकाल में सदस्य द्वारा इस संबंध में पूछे गए पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थे।
औचक निरीक्षण में मिली थी खामियां
उन्होंने बताया कि जैसलमेर जिले में गौशालाओं द्वारा फर्जी तरीके से अनुदान लेने की शिकायतें मिलने पर गोपालन निदेशालय द्वारा जांच दल गठित कर 7 व 8 फरवरी 2024 को गौशालाओं की गोपनीय जांच व औचक निरीक्षण कराया गया। इस दौरान जिले की 12 गौशालाओं में उनके द्वारा बताई गई गायों की संख्या व वास्तविक गायों की संख्या में अंतर पाया गया। साथ ही अन्य अनियमितताएं भी पाई गई। इस आधार पर इन सभी गौशालाओं का अनुदान रोक दिया गया।
कार्मिक विभाग को लिखा पत्र
उन्होंने बताया कि जिला कलक्टर जैसलमेर द्वारा की गई जांच में 16 अन्य गौशालाओं में अनियमितताएं पाई गई। इसी प्रकार आईबी में शिकायत के आधार पर पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक द्वारा भी जांच की गई, जिसमें 4 गौशालाओं में अनियमितताएं पाई गई। इसके बाद इन सभी गौशालाओं का अनुदान भी रोक दिया गया। कुमावत ने बताया कि गौशालाओं की अनुदान प्रक्रिया में पर्यवेक्षणीय लापरवाही बरतने पर पशुपालन विभाग के तत्कालीन संयुक्त निदेशक जैसलमेर को मार्च 2024 में निलम्बित किया गया तथा 2 चिकित्सकों को 16 सीसी नोटिस दिए गए। साथ ही इस मामले में 4 चिकित्सकों तथा भटियाना पोकरण के 2 उपखण्ड अधिकारियों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए कार्मिक विभाग को पत्र लिखा गया है।
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उन्होंने बताया कि फर्जी तरीके से अनुदान प्राप्त करने वाली जैसलमेर की इन 32 गौशालाओं सहित समस्त अनुदानित गौशालाओं में अनियमितताओं की विस्तृत जांच भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो से करवाने के प्रयास किए जा रहे हैं। इससे पहले विधायक कालीचरण सराफ के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में पशुपालन मंत्री ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2023-24 में पशुपालन निदेशालय द्वारा जैसलमेर जिले की गौशालाओं की गोपनीय जांच एवं आकस्मिक निरीक्षण किया गया।इस दौरान 32 गौशालाओं में घोर अनियमितताएं पाई गई, जिस पर संज्ञान लेते हुए जैसलमेर जिले की इन 32 गौशालाओं का वित्तीय वर्ष 2023-24 का अनुदान रोक दिया गया।
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