प्रयागराजः अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) इलाहाबाद विश्वविद्यालय इकाई ने 23 अक्टूबर को अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट मैच के दौरान स्टेडियम में पुलिस द्वारा तिरंगे को कूड़ेदान में फेंकने और दर्शकों को स्टेडियम में तिरंगा ले जाने से रोकने की घटना पर विश्वविद्यालय प्रमुख यूनिवर्सिटी चौराहे के गेट पर स्टालिन सरकार के विरोध में पुतला जलाया गया।
देश स्वाभिमान है तिरंगाः एबीवीपी
एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने कहा कि कल तमिलनाडु पुलिस द्वारा भारतीय तिरंगे के प्रति यह अपमानजनक कृत्य पाकिस्तान में पहले भारतीय राष्ट्रीय ध्वज के अपमान के समान प्रतीत होता है। यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि आज हमें अपनी भारतीय धरती पर भी ऐसा ही देखना पड़ रहा है। किसी भी राष्ट्र का राष्ट्रीय ध्वज उस राष्ट्र की समृद्धि और स्वाभिमान का प्रतीक होता है। अत: हमारी भारतीय भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला कोई भी कृत्य किसी भी स्थिति में स्वीकार्य नहीं है।
इस दौरान एबीवीपी इविवि इकाई अध्यक्ष शिवम सिंह ने कहा कि देश की आन-बान-शान तिरंगे का अपमान असहनीय है। यह बेहद शर्मनाक है कि पुलिस भारत में ही तिरंगा ले जाने की इजाजत नहीं दे रही है। इस घटना पर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री को पूरे देश से माफी मांगनी चाहिए। इसके साथ ही राजनीतिक स्वार्थ के लिए डीएमके के साथ गठबंधन करने वाले दलों के नेताओं की भी इस घटना पर चुप्पी शर्मनाक है। राजनीतिक लाभ के लिए देश के प्रतीक चिन्हों के अपमान का भी मौन समर्थन किया जा रहा है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है।
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एबीवीपी इविवि इकाई के मंत्री आलोक त्रिपाठी ने कहा कि डीएमके सरकार लगातार अपनी विभाजनकारी राजनीति कर रही है और देश की विरासत को नुकसान पहुंचा रही है। कभी क्षेत्र, कभी भाषा, कभी धर्म और अब राष्ट्रीय ध्वज का अपमान कर वह देश में नकारात्मक संदेश पेश कर रही है। इस प्रकार की घटना देश के स्वाभिमान पर प्रहार करने वाली है। इस घटना का छात्र और युवा मुखर होकर विरोध कर रहे हैं। इस दौरान ऋषभ, कार्तिकेय पति त्रिपाठी, शिवम शर्मा, विनायक पांडे आदि कार्यकर्ता मौजूद रहे।
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