Wednesday, January 29, 2025
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Homeउत्तर प्रदेशABS तकनीक बढ़ाएगी ट्रेनों की रफ्तार, बेवजह नहीं पड़ेगा रोकना

ABS तकनीक बढ़ाएगी ट्रेनों की रफ्तार, बेवजह नहीं पड़ेगा रोकना

लखनऊः रेलवे ऑटोमेटिक ब्लॉक सिग्नलिंग (ABS) के जरिए ट्रेनों की गति बढाएगा। इससे ट्रेनों की रफ्तार 130 किमी प्रति घंटा करने की राह आसान होगी। इससे ट्रेनों को बेवजह स्टेशन पर नहीं रोकना पड़ेगा। इस तकनीक से लाइन की क्षमता भी बढ़ेगी और अतिरिक्त ट्रेनों का संचालन भी संभव हो सकेगा। आगे वाली ट्रेन जैसे ही एक किलोमीटर आगे पहुंचेगी, वैसे ही पीछे वाली ट्रेन को भी रवाना किया जा सकेगा।

छपरा से बाराबंकी के बीच ABS का काम जारी

ट्रेनों की गति और ट्रैक की क्षमता बढ़ाने को लेकर रेलवे लगातार प्रयासरत है। इसको लेकर एनईआर ने ऑटोमैटिक ब्लॉक सिग्नलिंग तकनीक की शुरूआत की है। बीते कुछ समय से छपरा से बाराबंकी के बीच यह काम तेज गति से किया जा रहा है। इस ट्रैक पर 74.50 किमी तक ऑटोमैटिक ब्लॉक सिग्नलिंग का काम पूरा हो चुका है, वहीं लखनऊ मंडल में करीब 45 किमी का काम गोरखपुर और मुंडेरवा के बीच हुआ है। चुरेब और मुंडेरवा के बीच करीब 7.25 किमी का काम पूरा कर इस तकनीक को लागू भी कर दिया गया है।

इस वर्ष गोरखपुर-बाराबंकी सेक्शन में बस्ती तक काम पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया है। रेलवे अफसरों के मुताबिक, यह तकनीक ट्रेनों की रफ्तार बढ़ाने और ट्रैक की क्षमता बढ़ाने में कारगर साबित होगी। ऑटोमैटिक ब्लॉक सिग्नलिंग के लिए ट्रैक पर करीब एक किमी की दूरी पर सिग्नल पोस्ट लगाए जाते हैं। प्रत्येक पोस्ट पर चार लाइटें रेड, यलो, डबल यलो और ग्रीन होती हैं। ये ए, बी, सी और डी चार सिग्नल के तौर पर होती हैं। इसमें जैसे ही ट्रेन ए सिग्नल से गुजरेगी, तो उसमें रेड लाइट हो जाएगी। ये लाइटें लोको पायलट को सचेत करेंगी। यलो और डबल यलो लाइट सतर्क रहकर चलने का संकेत देगी कि आगे सिग्नल रेड भी हो सकता है, वहीं ग्रीन लाइट बताएगी कि आगे कोई खतरा नहीं है। ABS तकनीक से लाइन की क्षमता बढ़ेगी और रेलवे कोई संसाधन बढ़ाए बिना अतिरिक्त ट्रेनों का संचालन कर सकेगा।

कम दूरी की ट्रेनें भरेंगी फर्राटा

कम दूरी की ट्रेनें अब ट्रैक पर फर्राटा भरेंगी। इसके लिए रेलवे ट्रेनों की रफ्तार में बाधक बनने वाली लेवल क्रासिंग को बंद करेगा। गोरखपुर, बस्ती, गोंडा, बहराइच की करीब 60 क्रासिंग को बंद किया जाएगा। इन स्थानों पर ओवरब्रिज और अंडरपास बनाए जाएंगे। इससे स्थानीय लोगों का आवागमन बेहतर हो सकेगा और दुर्घटनाओं पर भी अंकुश लगेगा। लेवल क्रासिंग उसे कहा जाता है, जहां पर ट्रैक के ऊपर से गुजरना पड़ता है। इन जगहों पर क्रासिंग होती है लेकिन कई बार तकनीकी दिक्कतों के चलते लोगों को लंबे समय तक इंतजार करना पड़ता है।

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पूर्वोत्तर रेलवे लखनऊ मंडल की 33 और लेवल क्रासिंग पर अंडरपास और रेलवे ओवरब्रिज निर्माण का काम चल रहा है। इसमें लखनऊ जंक्शन से गोंडा रूट पर दो लेवल क्रासिंग हैं। इसके अलावा गोरखपुर से गोंडा रूट पर 14, गोंडा से आनंदनगर रूट पर सबसे अधिक 16 लेवल क्रासिंग हैं, जबकि गोंडा से बहराइच रूट पर एक लेवल क्रासिंग हैं।

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