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अब बख्शे नही जाएंगे लापरवाह कर्मचारी

   

लखनऊः यूपी में अब अगर सरकारी कर्मचारियों ने लापरवाही बरती तो उनकी नौकरी जाना तय है। कार्यप्रणाली से लेकर से लेकर कर्मचारियों के चरित्र तक की निगरानी की जा रही है। नवंबर के अंतिम सप्ताह में दो विभागों में करीब 13 लोगों को नौकरी से हमेशा के लिए छुट्टी देने की तैयारी की गई है। इसमें पुलिस विभाग के 11 कर्मचारी प्रतिकूल प्रवृत्ति के चलते जबरन रिटायर कर दिए गए, जबकि नगर निगम ने एक कर्मचारी को सफाई में लापरवाही और एक निरीक्षक को हमेशा के लिए हटाने की हिदायत दी गई है। यह अगर इसके बाद कांटा बनें, तो इनको सीधे बर्खास्त कर दिया जाएगा। सरकार का संकेत साफ है कि अब सरकार को लापरवाह अधिकारियों की जरूरत नही है।

राजधानी के बलरामपुर हाॅस्पिटल के निकट स्थित रिवर बैंक कॉलोनी के आस-पास गंदगी और कूड़ा मिलने पर नगर आयुक्त अजय कुमार द्विवेदी ने सफाई एवं खाद्य निरीक्षक सोबरन सिंह को बर्खास्त करने का निर्देश दिया हैं। इस इलाके में सफाई की निगरानी का जिम्मा सोबरन के पास ही था। रिवर बैंक कॉलोनी के अंदर से लेकर बलरामपुर चिकित्सालय तक जाने वाली सड़क पर कई जगह कूड़ा पड़ा रहता था। आज भी यहां लोगों के घरों के सामने कूड़ा दिख जाता है। इसका मतलब साफ है कि क्षेत्र में सफाई के मामले में लापरवाही चल रही है। इसकी पुष्टि भी नगर आयुक्त के निरीक्षण के दौरान हुई थी।

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लापरवाही का आलम सिर्फ यहीं तक नहीं है। नवीउल्लाह मार्ग पर केके अस्पताल के बगल में खाली भूखंडों में पड़ा कूड़ा गुजरने वालों को नाक बंद करने पर मजबूर कर रहा है। पार्क के चारों तरफ सड़क और फुटपाथ पर कई माह से वाहन खड़े किए जाते हैं। जिलाधिकारी ने सभी विभाग के अधिकारियों से अचानक छापा डालने के निर्देश दिए थे। इसका असर भी दिखने लगा है। अधिकारी रात में भी शहर की सफाई देखने के लिए निकल रहे हैं, लेकिन उनको सब ठीक नहीं मिल रहा है। नगर आयुक्त अजय कुमार द्विवेदी, अपर नगर आयुक्त अमित कुमार और डॉ. अर्चना द्विवेदी ने जोनल पांच और आठ में सफाई इंतजाम देखने के लिए रात दस से बारह बजे के बीच का समय चुना था। इस दौरान उनको काफी अनियमितताएं देखने को मिलीं। इसी तरह पुलिस विभाग में भी लापरवाह कर्मियों पर अधिकारियों की सीधी नजर है और चेतावनी के बाद उनकी छुट्टी की भी तैयारी चल रही है।