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अस्पताल के गेट पर महिला ने दिया बच्चे को जन्म, सोशल मीडिया पर फैली ये अफवाह

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Rajsthan, भरतपुरः भरतपुर में एक गर्भवती महिला को रात में प्रसव पीड़ा शुरू हो गई। उसे एंबुलेंस से अस्पताल ले जाया गया। महिला को एंबुलेंस से रूपवास सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में शिफ्ट किया जाता, इससे पहले ही प्रसव पीड़ा शुरू हो गई। अस्पताल से डॉक्टर और स्टाफ गेट पर पहुंचे और वहां सुरक्षित प्रसव कराया। इसके बाद दोनों को वार्ड में शिफ्ट किया गया। मां-बेटा दोनों स्वस्थ हैं।

अस्पताल से 16 कि.मी. दूर है घर

रूपवास सीएचसी के चिकित्साधिकारी डॉ. तेजपाल सिंह ने बताया कि शनिवार रात 10 बजे रूपवास से 16 किलोमीटर दूर नगला समा गांव से गर्भवती महिला रेखा देवी (38) पत्नी बनवारी कुशवाह को अस्पताल लाया गया। एंबुलेंस कर्मी ने बताया कि महिला का प्रसव गाड़ी में ही शुरू हो गया था। इस पर वह दौड़कर एंबुलेंस के पास पहुंचा और जांच की तो बच्चा महिला के गर्भ से आधा बाहर था। पानी की थैली फट गई थी, इसलिए गंभीर स्थिति पैदा हो गई। महिला को उसी हालत में एंबुलेंस से बाहर निकाला और अस्पताल के अंदर ले जाने का प्रयास किया, लेकिन हालत बिगड़ने का खतरा था। ऐसे में अस्पताल स्टाफ को गेट पर ही बुला लिया गया।

सोशल मीडिया पर वायरल हुई फोटो

गेट पर ही सभी संसाधन जुटाकर प्रसव की प्रक्रिया शुरू की गई। प्रसव सफल रहा और रेखा देवी ने बच्चे को जन्म दिया। इसके बाद दोनों को वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया। मां-बेटे की हालत ठीक है। चिकित्सा अधिकारी डॉ. तेजपाल सिंह ने बताया कि कुछ स्थानीय यूट्यूबर व अन्य लोगों ने अस्पताल गेट पर महिला के प्रसव के फोटो व वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड कर इसे अस्पताल, डॉक्टर व स्टाफ की लापरवाही बताया। सोशल मीडिया पर इसकी आलोचना हो रही है, लेकिन यह सब मनगढ़ंत है।

परिजनों ने कहा- डॉक्टरों ने किया पूरा सहयोग

कुछ लोग अस्पताल की छवि खराब करना चाहते हैं। गर्भवती महिला रेखा देवी के पिता भंवर सिंह ने बताया कि शनिवार रात करीब सवा नौ बजे बेटी रेखा को प्रसव पीड़ा शुरू हुई। अस्पताल जाने के लिए 108 पर कॉल किया। एंबुलेंस मात्र 15 मिनट में घर पहुंच गई। वे जाजोली गांव से एंबुलेंस के जरिए रेखा को लेकर रूपवास अस्पताल पहुंचे। उन्होंने बताया कि एंबुलेंस में ही बेटी के गर्भ से बच्चा आधा बाहर आ गया था। इस पर डॉक्टर ने अस्पताल गेट पर ही उसका प्रसव करवाया। डॉक्टर व स्टाफ ने पूरा सहयोग किया। अब बेटी और नातिन दोनों स्वस्थ हैं। डॉक्टर और स्टाफ उनकी देखभाल कर रहे हैं।

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भंवरलाल ने बताया कि रेखा का ससुराल जाजोली गांव में है। उसका पति बनवारी कुशवाह मजदूरी करता है। रेखा प्रसव के लिए मायके आई थी। यह उसकी चौथी डिलीवरी थी, जो सामान्य थी। सोशल मीडिया पर अस्पताल की लापरवाही की अफवाह फैलाई जा रही है, लेकिन यह सच नहीं है। एंबुलेंस समय पर घर पहुंच गई और अस्पताल में डॉक्टर और स्टाफ ने भी पूरा सहयोग किया। कोई लापरवाही नहीं हुई। अस्पताल प्रशासन की सूझबूझ से मेरी बेटी की डिलीवरी सही तरीके से हो गई।

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