एलएसी के पास उत्तराखंड का एक और लाल बलिदान, सीएम धामी ने किया नमन

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देहरादूनः वीरभूमि उत्तराखंड के एक और सपूत ने देश की सेवा करते हुए अपने प्राणों की आहुति दे दी। भारत-चीन सीमा पर युद्ध क्षेत्र में विशेष गश्त के दौरान भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के इंस्पेक्टर चंद्र मोहन सिंह (55) शहीद हो गए। इंस्पेक्टर चंद्र मोहन सिंह की शहादत की खबर मिलते ही शोक की लहर दौड़ गई।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भारत-चीन सीमा पर गश्त के दौरान ड्यूटी के दौरान शहीद हुए देहरादून निवासी आईटीबीपी इंस्पेक्टर चंद्र मोहन सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित की। मुख्यमंत्री धामी ने ईश्वर से दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान देने और शोकाकुल परिवार को यह दुःख सहन करने की शक्ति देने की प्रार्थना की।

गश्त के दौरान पानी के तेज बहाव में बह गए

दरअसल, 25 जुलाई को एक विशेष सूचना पर कम दूरी की गश्त के दौरान वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पास हिमाचल प्रदेश के लाहौल और स्पीति में भारत की अग्रिम चौकी से आगे करग्यूपा नाला पार करते समय वह नाले में गिर गए और पानी के तेज बहाव में बह गए। सिंह को जवानों ने 100 मीटर की दूरी पर बचा लिया और पास के आर्मी अस्पताल सुमदो में भर्ती कराया, लेकिन उनकी जान नहीं बचाई जा सकी। इंस्पेक्टर चंद्र मोहन देहरादून की डोईवाला तहसील के दुर्गा चौक जौलीग्रांट के रहने वाले थे।

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जौलीग्रांट में होगा अंतिम संस्कार

वह 24 सितंबर 1987 को भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) में कांस्टेबल (जीडी) के पद पर भर्ती हुए थे और वर्तमान में इंस्पेक्टर (जीडी) के पद पर तैनात थे। बटालियन में तैनाती के दौरान सिंह ने अपने कर्तव्यों के अलावा समय-समय पर सौंपे गए अन्य कर्तव्यों को बड़ी मेहनत, लगन और उत्कृष्ट कार्यकुशलता के साथ पूरा किया। वह अपनी लगन और निष्ठा के लिए जाने जाते थे। मार्शल आर्ट में अपनी दक्षता के साथ उन्होंने अपने कार्यों से देश का नाम रोशन किया। शहीद इंस्पेक्टर चंद्र मोहन का अंतिम संस्कार उनके गृह निवास जौलीग्रांट में किया जाएगा।

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