Thursday, January 16, 2025
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Namo Bharat Project : दिल्ली से मेरठ तक जल संचयन की बड़ी योजना

Namo Bharat Project, गाजियाबाद: वर्षा जल संचयन को गंभीरता से लेते हुए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) ने दुहाई स्थित डिपो में वर्षा जल संचयन के लिए दो तालाब बनाए हैं। इन तालाबों में 66 लाख लीटर से अधिक वर्षा जल संग्रहित किया जा सकेगा। इनमें 20 वर्षा जल संचयन गड्ढे भी बनाए गए हैं। वर्षा जल संचयन गड्ढों से निकलने वाला अतिरिक्त पानी इन तालाबों में एकत्र होगा और फिर जमीन में चला जाएगा।

Namo Bharat Project : क्या है योजना

इस बड़े प्रोजेक्ट के बारे में एनसीआरटीसी के प्रवक्ता पुनीत वत्स ने बताया कि दुहाई डिपो में नमो भारत प्रोजेक्ट के तहत बनाए गए इन तालाबों का आकार क्रमश: 1160 वर्ग मीटर और 663 वर्ग मीटर है। इन तालाबों को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि डिपो में फैलने वाला वर्षा जल यहां बने ड्रेनेज सिस्टम के जरिए सीधे तालाबों में पहुंचेगा। इन तालाबों की गहराई 4 से 5 मीटर है और इनके तल पर वर्षा जल संचयन गड्ढे बनाए गए हैं, ताकि इनमें एकत्रित वर्षा जल जमीन तक पहुंच सके।

एक तालाब में 4 और दूसरे में 3 गोलाकार वर्षा जल संचयन गड्ढे बनाए गए हैं। जिनकी गहराई 1.2 मीटर और व्यास 2.5 मीटर है। इन गड्ढों में बारिश के पानी को साफ करने के लिए तीन लेयर वाले फिल्टर बनाए गए हैं, ताकि गंदगी रहित पानी ही जमीन के अंदर पहुंचे। साथ ही इन तालाबों में एकत्र बारिश के पानी से डिपो के पौधों की सिंचाई भी की जा सकेगी। उन्होंने बताया कि एनसीआरटीसी पूरे नमो भारत कॉरिडोर पर प्रभावी वर्षा जल संचयन प्रणाली विकसित कर रहा है।

Namo Bharat Project : सक्रिय हुए जल संचयन के डीपो

दुहाई स्थित डिपो भी इसका अहम हिस्सा है। इससे पहले डिपो में 20 वर्षा जल संचयन गड्ढे बनाए जा चुके हैं, जो डिपो तैयार होने से पहले ही सक्रिय हो गए हैं। अब डिपो में वर्षा जल संचयन के लिए दो बड़े तालाबों के निर्माण से बारिश का पानी बेहतर तरीके से जमीन तक पहुंच सकेगा। दिल्ली के सराय काले खां से मेरठ के मोदीपुरम तक 82 किलोमीटर लंबे नमो भारत कॉरिडोर पर 950 से ज्यादा वर्षा जल संचयन गड्ढे बनाए जा रहे हैं, जिनका काम अंतिम चरण में है।

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इन गड्ढों के जरिए लाखों क्यूबिक मीटर भूजल रिचार्ज होने की उम्मीद है। इस कॉरिडोर पर दिल्ली, गाजियाबाद और मेरठ में 70 किलोमीटर का हिस्सा एलिवेटेड है और बाकी हिस्सा अंडरग्राउंड है। इस कॉरिडोर पर कुल 25 स्टेशन होंगे, जिनमें से 21 एलिवेटेड सेक्शन में और 4 अंडरग्राउंड सेक्शन में होंगे। रेनवाटर हार्वेस्टिंग पिट्स केवल एलिवेटेड वायडक्ट्स, एलिवेटेड स्टेशनों और डिपो पर ही बनाए जा रहे हैं।

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