Mahakumbh 2025: मकर संक्रांति के अवसर पर मंगलवार को करोड़ों श्रद्धालुओं ने प्रयागराज महाकुंभ में पवित्र डुबकी लगाई। महाकुंभ नगरी में अमृत स्नान के दौरान पूरा इलाका ‘जय श्री राम’, ‘हर हर गंगे’ और ‘बम बम भोले’ के जयकारों से गूंज उठा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने मकर संक्रांति के महापर्व पर महाकुंभ में पहले अमृत स्नान में शामिल सभी श्रद्धालुओं को बधाई दी।
इसके साथ ही उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर महाकुंभ (Mahakumbh 2025) की कुछ तस्वीरें भी शेयर कीं। पीएम मोदी ने महाकुंभ को भक्ति और आध्यात्म का अद्भुत संगम बताया। पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “महाकुंभ में भक्ति और आध्यात्म का अद्भुत संगम! मकर संक्रांति के महापर्व पर महाकुंभ में पहले अमृत स्नान में शामिल सभी श्रद्धालुओं को हार्दिक बधाई।”
CM योगी ने सोशल मीडिया पर किया पोस्ट
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया, “यह हमारी सनातन संस्कृति और आस्था का जीवंत स्वरूप है। आज लोक आस्था के महापर्व ‘मकर संक्रांति’ के पावन अवसर पर महाकुंभ-2025, प्रयागराज में त्रिवेणी संगम पर प्रथम अमृत स्नान कर पुण्य अर्जित करने वाले सभी श्रद्धालुओं को बधाई!” वहीं, एक अन्य पोस्ट में सीएम योगी ने लिखा, ”आस्था के महासिंधु-एकता के महाकुंभ, आज पावन नगरी प्रयागराज में महाकुंभ का पहला अमृत स्नान और मकर संक्रांति के पावन अवसर पर सभी अखाड़ों और घाटों पर पुष्प वर्षा सनातन संस्कृति को नमन, आस्था को नमन और आस्था को नमन है।”
Mahakumbh 2025: मकर संक्रांति पर पहला शाही स्नान
मकर संक्रांति के पावन अवसर पर महाकुंभ का पहला अमृत स्नान शुरू हुआ। संगम के त्रिवेणी तट पर लाखों श्रद्धालुओं और साधु-संतों का अद्भुत संगम देखने को मिला। इस ऐतिहासिक अवसर पर स्नान कर श्रद्धालुओं ने अपनी आस्था को नया आयाम दिया। स्नान के बाद श्रद्धालुओं ने घाट पर ही अपने इष्ट देव की पूजा-अर्चना की। इस पूजा में तिल, खिचड़ी और अन्य पूजन सामग्री का प्रयोग किया गया। श्रद्धालुओं ने तिल और खिचड़ी का भोग लगाया। दान कर धार्मिक लाभ प्राप्त किया। दान और पुण्य के इस क्रम ने पर्व को और अधिक पवित्र बना दिया।
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Mahakumbh 2025: संगम के घाटों पर उमड़ा आस्था का सैलाब
मकर के इस पावन अवसर पर संक्रांति पर संगम के घाटों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। आस्था और उल्लास का ऐसा नजारा था कि हर किसी का दिल झूम उठा। स्नान के दौरान हर कोई अपने जीवन को पवित्र और सुखमय बनाने की प्रार्थना करता नजर आया। स्नान के दौरान श्रद्धालुओं ने सूर्य को अर्घ्य देकर पुण्य और मोक्ष की कामना की।
मकर संक्रांति भगवान सूर्य को समर्पित पर्व है। मकर संक्रांति पर सूर्य उत्तरायण हो जाते हैं और दिन बड़े और रातें छोटी होने लगती हैं। स्नान के दौरान ही कई श्रद्धालुओं ने गंगा आरती की। वहीं श्रद्धालुओं ने घाट पर ही मकर संक्रांति की पूजा की और तिल-खिचड़ी का दान कर पुण्य कमाया।