Monday, January 13, 2025
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Fire Brigade के कर्मचारियों ने लगाई थी फैक्ट्री में आग, बोले- ज्यादा आग ज्यादा कमाई….

जयपुरः करधनी थाना पुलिस ने दो संविदा फायर ब्रिगेड (Fire Brigade) कर्मचारियों को गिरफ्तार किया है, जो अधिक पैसों के लिए फैक्ट्रियों में आग लगाते थे। इनमें से एक फायर ब्रिगेड का ड्राइवर है। पूछताछ में इन लोगों ने बताया कि जितनी अधिक जगहों पर आग लगती है, कमाई का उतना ही अधिक मौका मिलता है। पुलिस उपायुक्त जयपुर पश्चिम अमित कुमार ने बताया कि करधनी में अलग-अलग थाना इलाकों में हुई आगजनी की घटनाओं की जांच के दौरान चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं।

सामने आई चौंकाने वाली जानकारी

करधनी थानाधिकारी हरीश सोलंकी को एक अहम इनपुट मिला था। इस इनपुट की पुष्टि के लिए थाने के कांस्टेबल सायरामल को लगाया गया था। जांच में सामने आया कि पिछले कुछ समय से रीको इलाके के सरना डूंगर (करधनी) में बाइक सवार बदमाशों द्वारा आग लगाने की घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा है। आरोपी कर्मचारी पहले फैक्ट्रियों में आग लगाते थे, फिर खुद ही उसे बुझा लेते थे। दोनों सरकारी वाहनों से डीजल चोरी कर उसे बेच देते थे। वाहन अधिक चलने पर इस तरह से डीजल बेचने का मौका अधिक मिलता था। थानाधिकारी हरीश सोलंकी ने बताया कि इलाके में लगे एक हजार सीसीटीवी कैमरे चेक किए गए।

जहां भी आग लगी, वहां घटना से पहले दो युवक बाइक पर आते-जाते नजर आए। सीसीटीवी फुटेज और उन युवकों के हुलिए के आधार पर जांच आगे बढ़ाई गई। बाइक पर आने-जाने वाले युवकों का रूट देखा गया। ये युवक आगजनी वाली जगह से सरना डूंगर के फायर स्टेशन की तरफ जा रहे थे। मोटरसाइकिल के बारे में जानकारी जुटाई गई। इसके बाद सरना डूंगर फायर स्टेशन पर तैनात फायरमैन विजय शर्मा (25) और फायर स्टेशन ड्राइवर राहुल यादव (23) को हिरासत में लिया गया। सख्ती से पूछताछ करने पर उन्होंने अलग-अलग जगहों पर आग लगाना स्वीकार किया। विजय बागड़ों निवासी किशनपुरा मोहल्ला थाना करधनी (जयपुर) और राहुल निवासी सिंगोड खुर्द, थाना गोविंदगढ़ (जयपुर) है।

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निजी कंपनी के जरिए Fire Brigade ऑफिस में हुए थे ज्वाइन

दोनों युवकों को अनुभव प्रमाण-पत्र के आधार पर एक निजी ठेकेदार ने अस्थाई फायरमैन और ड्राइवर के तौर पर नियुक्त किया था। जब भी इलाके में आगजनी की घटना होती थी, तो ये दोनों मौके पर जाकर आग पर काबू पाते थे। आग बुझाने के दौरान वे कहते थे कि फायर ब्रिगेड की गाड़ी से ज्यादा डीजल खर्च हो रहा है। उस डीजल को वे बाहर बेचकर पैसा कमाते थे। वे प्लानिंग करते थे और फिर अलग-अलग फैक्ट्रियों में आग लगाने की घटना को अंजाम देते थे। वे दोनों मोटरसाइकिल पर सवार होकर मुंह पर कपड़ा बांधकर घटना को अंजाम देते थे। कभी प्लास्टिक की फैक्ट्री में आग लगाते तो कभी माचिस-सिगरेट की फैक्ट्री में। कंट्रोल रूम से आग लगने की सूचना मिलने पर वे फायर ब्रिगेड की गाड़ी लेकर मौके पर पहुंच जाते थे।

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